[aph] रायगढ़ : [/aph] उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 31 एवं खाद्य सुरक्षा और मानक विनियम के अंतर्गत खाद्य कारोबार कर्ता को अपने कारोबार का विधिवत पंजीयन एवं उसके लिए लाईसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है। बगैर पंजीयन खाद्य कारोबार करते पाए जाने पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की धारा 50 के अंतर्गत 25 हजार रुपए तक जुर्माना तथा बिना लाईसेंस प्राप्त किए खाद्य व्यवसाय करने पर धारा 63 के अनुसार 6 माह का कारावास एवं 5 लाख रुपए तक के जुर्माने से दण्डित किए जाने का प्रावधान है।
उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने बताया कि ऐसे समस्त खाद्य कारोबार कर्ता जो खाद्य पदार्थो का विनिर्माण, प्रसस्करण, छटाई, श्रेणीकरण आदि सहित, दुग्ध संग्रह एवं उसके सह उत्पाद का कार्य व्यवसाय, तेल बीजों की सफाई व पेराई और तेल शोधन पैकेजिंग एवं भण्डारण, कोल्ड स्टोरेज, फुटकर व्यापार, थोक व्यापार, ट्रांसपोर्टर, केटरिंग, ढाबा, क्लब केन्टिन, होटल, रेस्टोरेन्ट, शक्कर निर्माता, शराब कारोबार कर्ता, राईस मिलिंग, ड्रिकिंग वाटर, पोल्ट्री, मछली, फल एवं सब्जी, गुटखा, पान मसाला के कारोबारी एवं घूम-घूमकर खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वाला विक्रेता, ठेला, खोमचा, रेडी टू ईट फूड, मध्यान्ह भोजन एवं अन्य खाद्य कारोबार कर्ता इकाईयों को अनिवार्य रूप से राज्य सरकार से लाईसेंस/ पंजीयन प्राप्त करने के पश्चात ही खाद्य व्यवसाय करना चाहिए। खाद्य पदार्थों में मिलावट की रोकथाम के लिए खाद्य कारोबार कर्ता संस्थान से नमूना लेने की कार्रवाई भी खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा की जाती है।