[su_heading]हाथ धुलाई के तौर-तरीके भी बताए गए [/su_heading]
[aph] रायगढ़ : [/aph] डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा के तहत् आज जिले में ओ.आर.एस. दिवस के रूप में मनाया गया। ओआरएस डे के जिला स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तमनार में आयोजित हुआ। जिसमें स्कूलों में हाथ धोने एवं साफ-सफाई तथा ओ.आर.एस. घोल बनाने की विधि के लिए कार्यक्रम आयोजित किये गये।
इस अवसर पर जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शशिरेखा राठिया, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष श्री हेतराम टोप्पो, जनपद सदस्य श्रीमती कल्पना कुम्भकार, श्रीमती पार्वती सिदार, श्री सदानंद पटनायक, सरपंच श्री जयराम राठिया, समाजसेवी, श्री जतिन साव, सीएमएचओ डॉ.उरांव, डीएचओ डॉ.जे.सिंह, डीपीएम प्रवीण शर्मा, नोडल अधिकारी डॉ. टी.के.टोण्डर, डॉ.बी.पी.पटेल, डीआईओ डॉ टी.जी.कुलवेदी सहित सर्वश्री निषामणी साहू, आर.के.जांगड़े, अमित सिंह राठोड़, डॉ. डी.एस.पैंकरा, समीर सौरभ, परियोजना अधिकारी, आईसीडीएस तथा विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी, कर्मचारी एवं स्कूल के अध्यापकगण, स्कूल के समस्त विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।
यहां यह उल्लेखनीय है कि डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा के प्रथम चरण 27 जुलाई से 02 अगस्त में जिले के समस्त विकासखण्ड एवं शहरी क्षेत्र में डायरिया नियंत्रण के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम व गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एच.एस.उराव ने बताया कि मितानिनों द्वारा घर-घर जाकर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को चिन्हित किया जा रहा है और उन घरों में ओआरएस पैकेट के साथ जिंक की गोली दी जा रही है। पालको को ओआरएस घोल बनाने का भी तरीका बताया जा रहा है ताकि उल्टी-दस्त की स्थिति में बच्चों को तत्काल ओआरएस घोल पिलाया जा सके। जिला चिकित्सालय एवं सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में ओ.आर.टी.-जिंक कार्नर स्थापित किये गये हैं।
पखवाड़ा के द्वितीय चरण दिनांक 04 अगस्त से 08 अगस्त तक जिले के समस्त विकासखण्ड एवं शहरी क्षेत्र में शिशु पोषण एवं आहार व्यवहार से संबंधित गतिविधियां आयोजित की जाएगी। जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं मितानिनों द्वारा घर-घर भेंट कर 0-5 वर्ष के बच्चों को चिन्हांकित कर शिशु पोषण एवं आहार व्यवहार के संबंध में जानकारी के साथ गंभीर कुपोषित बच्चों को उपचार के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि डायरिया से बचाव हेतु लोगों को गरम एवं ताजा भोजन करने, भोजन के पहले एवं शौच के बाद हाथ साबुन से धोने, शौचालय का उपयोग करने तथा भोजन एवं पानी हमेशा ढंककर रखने की सलाह मितानिन द्वारा डोर टू डोर संपर्क कर दी जा रही है। का प्रचार-प्रसार स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं मितानिन द्वारा घर-घर जाकर दी जा रहीं है। डायरिया होने पर तरल पदार्थ का सेवन अधिक करने, ओ.आर.एस. का घोल एवं जिंक गोली लेने तथा दस्त में कमी न होने पर तत्काल निकट के शासकीय अस्पताल से संपर्क करने की सलाह लोगों को दी जा रही है।