रायगढ : 22 जनवरी 2015/ रायगढ जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य सहित ऐसे उप स्वास्थ्य केन्द्रों में जहां प्रसव हो रहे है, वहां बीते एक नवंबर 2014 से जन्म-मृत्यु पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। स्वास्थ्य केन्द्रों में होने वाले पंजीयन की जानकारी भी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों के माध्यम से जिले को भेजी जा रही है।
कलेक्टर श्री मुकेश बंसल ने बताया कि जन्म-मृत्यु पंजीयन का विस्तारीकरण इस उद्देश्य से किया गया है कि लोग परिवार में होने वाले जन्म एवं मृत्यु की जानकारी का पंजीयन सहजता से करा सके। 21 दिवस के भीतर जन्म-मृत्यु का पंजीयन कराने पर संबंधित रजिस्ट्रीत अधिकारी / संस्था से इसका प्रमाण-पत्र निःशुल्क दिया जाता है। जन्म व मृत्यु पंजीयन प्रमाण-पत्र एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसको प्राप्त करना और संभाल कर रखा जाना चाहिए। कलेक्टर ने कहा है कि जन्म-मृत्यु पंजीयन कानूनन अनिवार्य है। जन्म-मृत्यु का पंजीयन उसके घटित होने के स्थान पर स्थानीय रजिस्ट्रार के यहां कराया जा सकेगा। जन्म का पंजीयन बच्चे का अधिकार है। उन्होंने लोगों से अपने घर-परिवार में होने वाले जन्म एवं मृत्यु का पंजीयन अनिवार्य रूप से ग्राम पंचायत / नगरीय निकाय में कराने की अपील की है।
जन्म एवं मृत्यु पंजीयन के लिए ग्रामीण इलाकों में ग्राम पंचायतों को जिम्मेदारी दी गई है। ग्राम पंचायतों सचिव को पंजीयन के लिए उप रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है। ग्रामीण इलाके के लोग अपने पंचायतों में 21 दिन के भीतर जन्म-मृत्यु की सूचना देकर निःशुल्क पंजीयन करा सकते है। नगरीय निकायों में भी जन्म-मृत्यु के पंजीयन की प्रक्रिया संबंधित नगरीय निकाय के मुख्य नगर पालिका अधिकारी के यहां पूरी कराई जा सकती है। 21 दिन के भीतर जन्म-मृत्यु पंजीयन कराने पर निःशुल्क प्रमाण-पत्र मिलेगा। 21 दिन से 30 दिन के भीतर पंजीयन के लिए 2 रुपए का शुल्क तथा संबंधित इलाके के जनपद पंचायत के मुख्य कायर्पालन अधिकारी / मुख्य नगर पालिका अधिकारी के यहां आवेदन देकर पंजीयन के लिए अनुमति प्राप्त करनी होगी। 30 दिन से एक वर्ष की अवधि के भीतर पंजीयन के लिए जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी जिसे शासन द्वारा जिला रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है, के यहां स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र देकर जन्म-मृत्यु पंजीयन के लिए अनुमति प्राप्त करनी होगी। जिला रजिस्ट्रार की अनुमति के बाद संबंधित इलाके का रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु पंजीयन कर तथा 5 रुपए शुल्क लेकर प्रमाण-पत्र जारी कर सकेगा। एक वर्ष की अवधि के बाद पंजीयन के लिए संबंधित इलाके के तहसीलदार के यहां शपथ पत्र सहित विधिवत आवेदन देकर अनुमति प्राप्त करनी होगी। इसके पश्चात संबंधित रजिस्ट्रार के यहां 10 रुपए का शुल्क देकर पंजीयन कराकर प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जा सकेगा।
कलेक्टर ने बताया कि 30 बिस्तर अथवा उससे अधिक बिस्तर वाले शासकीय चिकित्सालयों को शासन द्वारा जन्म-मृत्यु के पंजीयन के लिए रजिस्ट्रार का अधिकार दिया गया है। शासकीय चिकित्सालयों में होने वाले जन्म अथवा मृत्यु का पंजीयन वहां होगा और संबंधित व्यक्ति के परिजन को इसका प्रमाण-पत्र डिस्चार्ज के समय उपलब्ध कराना संबंधित हास्पिटल के मुख्य चिकित्सक की जिम्मेदारी है। निजी नर्सिंग होम में जन्म अथवा मृत्यु की सूचना संबंधित नर्सिंग होम द्वारा उस एरिया के नगरीय निकाय को दी जाएगी, जहां से प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। जिले में जन्म-मृत्यु पंजीयन जिले की समस्त ग्राम पंचायतों सहित जिला चिकित्सालय, सिविल हास्पीटल धरमजयगढ, खरसिया, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लोईंग, पुसौर, चपले, घरघोडा, सारंगढ, बरमकेला, विजयनगर, कापू एवं तमनार के अलावा समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में किया जा रहा है।
कलेक्टर श्री बंसल ने बताया कि जन्म-मृत्यु पंजीयन के लिए संबंधित ग्राम पंचायत में सिर्फ सूचना देनी होती है। इसके लिए किसी भी तरह के दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होती है। बिना नामकरण के भी जन्म का पंजीयन कराया जा सकता है। निःशुल्क पंजीयन 21 दिन के भीतर हो सकेगा। इसके बाद शपथ पत्र देकर अनुमति प्राप्त करनी होगी और निर्धारित शुल्क अदाकर प्रमाण-पत्र प्राप्त करना होगा। जन्म-मृत्यु की घटना जहां घटित हुई है पंजीयन उसी इलाके का रजिस्ट्रार करेगा। जन्म-मृत्यु का पंजीयन कराने व प्रमाण-पत्र प्राप्त करने में किसी भी तरह की परेशानी आने पर इसकी सूचना तत्काल जिला योजना एवं सांख्किीय अधिकारी एस.आर. भास्कर के दूरभाष क्रमांक 07762-223241 अथवा मोबाईल नंबर 98279-60973 पर दी जा सकती है।