[aps] गारे पेलमा की कोयला खदान 4/5 हिण्डालको को हेण्डओव्हर करने के निर्देश
कंपनियों को जनसुविधा की गतिविधियों को जारी रखने के निर्देश [/aps]
कंपनियों को जनसुविधा की गतिविधियों को जारी रखने के निर्देश [/aps]
[aph] रायगढ़ : [/aph] कलेक्टर श्रीमती अलरमेल मंगई डी ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिले के समस्त कोयला खदानों के पूर्व एवं वर्तमान आबंटियों के प्रतिनिधियों की बैठक लेकर खदानों के हस्तांतरण लीज एग्रीमेन्ट, चल एवं अचल संपत्तियों के मामलों के निराकरण, श्रमिकों के रोजी-रोजगार की स्थिति की गहन समीक्षा की। कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने गारे पेलमा स्थित कोयला खदान 4/5 वर्तमान आबंटी कंपनी हिण्डालको को हेण्डओव्हर करने में पूर्व आबंटी मोनेट कंपनी द्वारा किए जा रहे हीला-हवाला को लेकर गहरी नाराजगी जताई। कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित मोनेट कंपनी के प्रतिनिधि बी.एस.चौधरी को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि खदान हस्तांतरण में किसी भी तरह की बाधा एवं उदासीनता प्रशासन हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने मोनेट कंपनी को गारे पेलमा कोयला खदान 4/5 को 48 घंटे के भीतर नये आबंटी हिण्डालको को सौंपने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि 24 जुलाई रात्रि 12 बजे तक मोनेट को खदान एरिया से बाहर जाना होगा। उन्होंने खनिज अधिकारी एस.एस.नाग को मोनेट एवं हिण्डालको के मध्य अचल संपत्ति के मामले का निराकरण भी आपसी समझौते से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में अपर कलेक्टर श्री श्याम धावड़े एवं सहायक कलेक्टर श्री ऋतुराज रघुवंशी मौजूद थे।
कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने बैठक में एक-एक कर समस्त कोयला खदानों के पूर्व एवं वर्तमान आबंटी कंपनियों के पदाधिकारियों से खदानों के हस्तांतरण के मामले के बारे में पूछताछ की। उन्होंने कहा कि खदानों के हस्तांतरण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट व शासन के दिशा-निर्देश का हर हाल में पालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने पूर्व आबंटियों को खदान के क्षेत्र में इस तरीके का कोई भी कार्य न करने की सख्त नसीहत दी जिससे नये आबंटी कंपनियों को प्रोडक्शन शुरू करने में बाधा आए। कलेक्टर ने कहा कि खदानों में कोयला उत्खनन के लिए स्थापित स्थायी संपत्ति को यथास्थिति नये आबंटी को हस्तांतरित किया जाना है। उसमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट एवं शासन के स्पष्ट निर्देश है। कोयला उत्पादन के लिए स्थापित स्थायी एसेट को खराब करने का मामला सामने आया तो इसके लिए नियमानुसार पूर्व आबंटी कंपनी को दण्डित भी किया जाएगा। नये आबंटी कंपनियों को खदान के लिए अधिग्रहित की गई भूमि से प्रभावित परिवारों के श्रमिकों को अनिवार्य रूप से अपने यहां सेवा में रखने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि खदानों के नये सिरे से आबंटन में भू-अधिग्रहण से प्रभावित परिवार के श्रमिकों का हित प्रभावित नहीं होना चाहिए। प्रभावित परिवार के श्रमिकों को प्राथमिकता के आधार पर काम पर रखने के निर्देश नये आबंटी कंपनियों को दिए गए। कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने गारे पेलमा की कोयला खदान क्रमांक 4/2,3 जो कि एसईसीएल को आबंटित की गई है, वहां भू-अधिग्रहण से प्रभावित परिवार के श्रमिकों को काम देने के मामले को कंपनी द्वारा लंबित रखे जाने को लेकर गहरी नाराजगी जताई। कलेक्टर ने एसईसीएल के प्रतिनिधि को स्पष्ट रूप से कहा कि पहले वह भू-प्रभावित परिवार के श्रमिकों को काम पर रखें बाद में अपने कंपनी के कर्मचारियों को ड्यूटी पर रखे। बैठक में खदानों के सतही अधिकार हस्तांतरण के बारे में भी विस्तार रसे चर्चा की गई।
कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने बैठक में पूर्व आबंटी कंपनियों द्वारा सीएसआर मद से अपने-अपने ईलाके के गांवों में पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के लिए कराए जा रहे कार्यों को यथावत चालू रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूर्व एवं नई आबंटी कंपनियों के बीच किसी भी तरह की अड़चन आने की वजह से यह सेवाएं प्रभावित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने नई कंपनियों को अपने-अपने ईलाके के गांवों में आवश्यकतानुसार जन सुविधा एवं सेवा के काम शुरू करने के भी निर्देश दिए। पूर्व आबंटी कंपनियों द्वारा जनसुविधा के संचालित कार्यों को नई आबंटी कंपनियों को अपने जिम्मे लेने के भी निर्देश दिए गए।