[aph] रायगढ़ : [/aph] मिसाईल मेन के नाम से प्रसिद्ध भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का गत 27 जुलाई को निधन हो गया। उनके असामयिक निधन पर युवा देवांगन समाज रायगढ़ ने दुख प्रकट करते हुए आज दो मिनट का मौन धारण कर शोक श्रद्धांजलि अर्पित की। शोक सभा के अवसर पर युवा देवांगन समाज के अध्यक्ष ने डॉ. कलाम के निधन को एक अपूरणीय क्षति बताई तथा उनके जीवन के बारे में बताया। डॉ. अब्दुल कलाम भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता के रूप में विख्यात थे। डॉ. कलाम मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक और विज्ञान के व्यवस्थापक के रूप में चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) संभाला व भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल रहे। इन्हें बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास के कार्यों के लिए भारत में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाने लगा। उन्होंने 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद से दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरान-द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मकए, तकनीकी और राजनैतिक भूमिका निभाई। डॉ. कलाम सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी व विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों के समर्थन के साथ 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए। पांच वर्ष की अवधि की सेवा के बाद वह शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में लौट आए। डॉ. कलाम ने भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किये।