[aps] गेरूपानी में मात्र 2 लाख रुपए की लागत से बनी पुलिया ने गेरूपानी सहित आसपास के दर्जनभर गांव में आवागमन का बारहमासी रास्ता खोल दिया है। [/aps]
रायगढ़: रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकास खण्ड के ग्राम गेरूपानी में मात्र 2 लाख रुपए की लागत से बनी पुलिया ने गेरूपानी सहित आसपास के दर्जनभर गांव में आवागमन का बारहमासी रास्ता खोल दिया है। बरसात के दिनों में ब्लाक मुख्यालय से पूरी तरह कट जाने वाला गांव गेरूपानी और उसके आसपास के गांव केकरा झरिया, कर्राहेत, लमडांड, पिपराही, तोलगे के लोग अब फर्राटे से अपनी रोजमर्रा की जरूरत के लिए लैलूंगा आ-जा सक रहे है। गेरूपानी विकास खण्ड मुख्यालय लैलूंगा से मात्र 12 किलो मीटर दूर है। इस गांव के समीप से बहने वाला बारहमासी नाला बरसात के दिनों में ग्रामीणों का रास्ता रोक देता था। सरगुजा विकास प्राधिकरण मद से बनी इस पुलिया से ग्रामीणों को आवागमन की सुविधा सुलभ हुई है और गेरूपानी सहित आसपास के दर्जनभर गांव ब्लाक मुख्यालय लैलूंगा से जुड़ गए है।
[aps] इसी तरह की कुछ कहानी लैलूंगा ब्लाक के ही ग्राम पंचायत चंवरपुर की है। [/aps] चंवरपुर लैलूंगा से 25 किलो मीटर दूर पहाड़ व जंगलों से घिरा गांव है। इस ग्राम पंचायत की जनसंख्या 2062 है। चंवरपुर से मोहनीपुरी मार्ग के मध्य नाले पर 2 लाख रुपए की लागत से बनी पुलिया ने इस ग्राम पंचायत एवं आसपास के गांव के ग्रामीणों के लिए बारहमासी आवागमन का रास्ता सुलभ कर दिया है। बरसात के दिनों में ग्राम पंचायत चंवरपुर का आश्रित ग्राम मोहनीपुरी पूरी तरह से पंचायत मुख्यालय एवं ब्लाक मुख्यालय से कट जाता था। नाले में पानी की वजह से दोपहिया, चार पहिया वाहनों का आवागमन बिल्कुल बंद हो जाता था। ग्राम पंचायत चंवरपुर के ग्रामीणों एवं गंगा, गणेश, गौरी, महादेव, जागृति, टेरेसा महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य महिलाओं की मांग पर सरगुजा तथा उत्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण मद से पुलिया निर्माण के लिए 2 लाख रुपए की मंजूरी दी गई। पुलिया के बन जाने से ग्रामीण बेहद प्रसन्न है।