[aps] बच्चों की प्रतिभा को सामने लाने एक माह की कोचिंग व प्रशिक्षण [/aps] रायगढ़ : जिला प्रशासन द्वारा जिले के सुदूर ग्रामीण अंचल के आश्रमों एवं छात्रावासों में रहने वाले बच्चों को एक माह की विशेष कोचिंग, खेलकूद तथा रचनात्मक गतिविधियों का प्रशिक्षण दिए जाने के लिए आयोजित होने वाले ग्रीष्म कालीन बाल शिविर का शुभारंभ रायगढ़ के विधायक श्री रोशन लाल अग्रवाल एवं कलेक्टर श्रीमती अलरमेल मंगई डी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया। ग्रीष्म कालीन बाल शिविर 11 जून तक चलेगा। इस दौरान शिविर में भाग ले रहे बच्चों को गणित व स्पोकन इंग्लिश की विशेष कोचिंग के साथ ही उन्हें योगा, विभिन्न प्रकार के खेलकूद, आत्म रक्षा के साथ ही गीत-संगीत, नृत्य, पेन्टिग, बेल मेटल, काष्ट कला आदि का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। ग्रीष्म कालीन बाल शिविर में भाग लेने वाले बच्चों के भोजन एवं आवास की व्यवस्था प्रशासन द्वारा नि:शुल्क की गई है। ग्रीष्म कालीन बाल शिविर के लिए जिले के विभिन्न छात्रावासों एवं आश्रमों से 50 बालक और 50 बालिकाओं को चयनित किया गया है।
[toggle title=”विधायक श्री रोशन लाल अग्रवाल ने इस मौके पर अपने उद्बोधन में कहा कि” state=”open”] ग्रीष्म कालीन बाल शिविर का आयोजन प्रशासन की एक अभिनव पहल है, इसके माध्यम से सुदूर वनांचल के गांवों के बच्चों को न सिर्फ देश-दुनिया की जानकारी हासिल होगी बल्कि उनके अंदर की प्रतिभा को सामने लाने का एक मौका भी मिलेगा। गणित जैसे कठिन विषय को हल करने की ट्रिक समर केम्प में सिखाई जाएगी। उन्हें इंग्लिश के अध्ययन के गुर भी बताने के साथ ही बातचीत का तौर-तरीका भी सिखाया जाएगा। विधायक श्री अग्रवाल ने ग्रीष्म कालीन बाल शिविर में भाग ले रहे बच्चों से प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया गया इस अवसर का भरपूर लाभ उठाने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि समर कैम्प में शामिल होने वाले प्रत्येक बच्चे को यह संकल्प लेना होगा कि यह उनके जीवन का सबसे बहुमूल्य समय है और इसका लाभ उठाकर न सिर्फ वह अपने कैरियर का रास्ता चुनेंगे बल्कि इसके बाद पूरे मनोयोग से अपने लक्ष्य को हासिल कर अपने परिवार, समाज व देश का नाम रोशन करेंगे। विधायक श्री अग्रवाल ने बच्चों से यह भी अपील की कि वह किसी भी तरह का संकोच न करें और समर कैम्प के प्रत्येक गतिविधि में बढ़-चढक़र हिस्सा लें। उन्होंने कहा कि हम सबको यह संकल्प लेना होगा कि इस समर कैम्प के माध्यम से हम अपने जीवन का ऐसा लक्ष्य निर्धारित करेंगे कि वह दूसरों के लिए अनुकरणीय और प्रेरणास्पद बनें। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह ग्रीष्म कालीन बाल शिविर बच्चों के जीवन में अच्छे परिवर्तन का संवाहक बनेगा।[/toggle]
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[aph] इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती अलरमेल मंगई डी ने भी बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि [/aph] इस समर कैम्प का उद्देश्य ग्रामीण ईलाके के आश्रमों एवं छात्रावासों में रहने वाले बच्चों की प्रतिभा को सामने लाने और उन्हें तराशना है। उन्होंने उम्मीद जताई कि समर कैम्प का भरपूर फायदा बच्चे उठायेंगे और अपना जीवन लक्ष्य निर्धारित करते हुए उसके लिए पूरे मनोयोग से आगे प्रयास करेंगे। उन्होंने बच्चों से कैम्प के दौरान बताई और सिखाई जाने वाली बातों को पूरे मन से आत्मसात करने तथा उस पर अमल करने की सीख दी। कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने कहा कि एक माह के प्रशिक्षण के बाद आपसे मिलने और आप सबको देखने के बाद आपके मित्र व परिजन इस बात को स्पष्ट रूप से कह सके कि आप सबमें एक अच्छा परिवर्तन आया है। आपके स्कूल व छात्रावास के बच्चे आपसे प्रेरणा ले और उनमें भी आगे बढऩे का जज्बा पैदा हो, तभी इस समर कैम्प का उद्देश्य सफल होगा। सहायक कलेक्टर श्री गौरव कुमार सिंह ने कहा कि ग्रीष्म कालीन बाल शिविर के माध्यम से बच्चों को पर्सनालिटी डेव्लपमेन्ट का अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है। एक माह के इस शिविर में बच्चों को बहुत कुछ सीखने और कैरियर में आगे बढऩे का मौका मिलेगा। इस कैम्प के माध्यम से बच्चों की प्रतिभा सामने आएगी। उन्होंने शिक्षकों एवं प्रशिक्षकों से यह अपील की कि समर कैम्प में भाग लेने बच्चों को अपने बच्चे जैसा समझकर उन्हें आगे बढऩे के लिए शिक्षित और प्रशिक्षित करें। श्री गौरव सिंह ने कहा कि समर कैम्प के बच्चों तथा शिक्षकों और प्रशिक्षकों का नाता सिर्फ एक माह का नहीं होना चाहिए। उन्होंने इस बात का आग्रह किया कि शिक्षक और प्रशिक्षक बच्चों को इस तरह शिक्षित और प्रशिक्षित करें कि बच्चे उन्हें ताउम्र न भूले। सहायक कलेक्टर ने समर कैम्प के नोडल अधिकारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास से बच्चों के नाश्ते और भोजन की गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखने की बात कही। कार्यक्रम के अंत में विधायक श्री रोशन लाल अग्रवाल, कलेक्टर श्रीमती अलरमेल मंगई डी, समाज सेवी रामचंद्र शर्मा सहित अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। समर कैम्प में विभिन्न विषयों की कोचिंग व प्रशिक्षण के लिए योग्य शिक्षकों व प्रशिक्षकों को नियुक्त किया गया है।