गाँव के घनी आबादी वाले इलाके में घरो के छत के उपर से हाई टेंशन करंट वाले टावर लाइन ले जाने का विरोध करने वालो को सरपंच ने घरो से बेदखली का नोटिस थमा दिया है जबकि सरपंच को यह अधिकार ही नहीं है।
[pullquote-right] शहर से करीब ही रायगढ़-खरसिया रोड में तकरीबन तीन हजार आबादी वाला गाँव भगवानपुर है। इस गाँव में गरीब तबके के दो-ढाई सौ परिवार रहते है। ये लोग गाँव की खाली पड़े आबादी जमीन पर कच्चा-पक्का घर बनाकर पिछले 20-30 साल से रहते आ रहे है। [/pullquote-right]
[pullquote-left] जिंदल उद्योग प्रबंधन इस गाँव से हाई टेंशन करंट वाले विशालकाय टावर लाईन ले जा रहा है। [/pullquote-left] जिसका विरोध गाँव के लोग कर रहे हैं क्योंकि पूर्व में ऐसे ही हाई टेंशन के तार की चपेट में आ जाने से गाँव के एक नवयुवक की मृत्यु हो चुकी है। गाँव वालो के विरोध को दबाने के लिये जिंदल प्रबंधन ने गाँव की महिला सरपंच को अपने चंगुल में ले लिया है और उसी की मार्फत विरोध कर रहे लोगों में से कुछ नेता किस्म के लोगों को पाँच-पाँच हजार रूपये देकर चुप करा दिया है और रिहायसी घरो के खपरैल वाले घरों के 10-12 फिट ऊँचाई से हाई टेंशन करंट वाला टावर लाईन खींच कर ले गया है। जिंदल को लेकर जब गाँव वाले सामुहिक घरना प्रदर्शन कर रहे थे तब राजस्व विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने आवास की वैकल्पिक व्यवस्था और उचित मुआवजे का आश्वासन देकर चुप करा दिया था लेकिन महीनो बीत जाने के बाद भी न तो मुआवजे के नाम पर कानी कौड़ी दिया गया है और न ही आवास की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है इसके उलट अब महिला सरपंच को मोहरा बनाकर टावर लाईन का विरोध करने वालों को चुन-चुनकर बेदखली के लिये कारण बताओ नोटिस थमा कर जवाब के लिये दस दिन की मोहल्लत दी गई उसके बाद 20-25 साल से बने उनके घरो पर बुलडोजर चला दिया जायेगा, इससे इस भीषण गर्मी में सौ से भी ज्यादा परिवार घर से बेघर हो जायेंगे और खुले आकाश के नीचे आ जायेंगे। यहां यह गौरतलब है कि सरपंच किसी को उसके घर से बेदखल करने का कोई वैद्यानिक अधिकार नहीं रखता है।