[dropcap]खरसिया[/dropcap] -: बाराती पिकअप बीच सड़क में पलटने से पिकअप में सवार 11 मासूम बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। यह सड़क हादसा सोमवार की शाम करीब 4 बजे खरसिया थाना क्षेत्र के रतन महका के पास घटित हुआ। घायल बच्चों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल खरसिया में भर्ती कराया गया है। आरंभिक उपचार के बाद घायल बच्चों के हालत में सुधार है। सड़क हादसे की सूचना पर खरसिया पुलिस आरोपी पिकअप चालक के खिलाफ जुर्म दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार पड़ोसी जिले जांजगीर चांपा के मालखरौदा थाना क्षेत्र के नगझर गांव से खरसिया के रतन महका सोमवार की दोपहर बारात आई थी। दोपहर खाना खाने के बाद एक पिकअप सीजी ११ एबी २९३५ वापस लौट रहा था। इस वाहन में बारातियों के साथ 11 मासूम बच्चे भी शामिल थे। जब यह पिकअप गांव से कुछ दूर आगे पहुंचा था तभी पिकअप चालक द्वारा तेजी एवं लापरवाही पूर्वक चलाने से बीच सड़क में अनियंत्रित होकर पलट गई। पिकअप के पलटने से घटनास्थल पर अफरा तफरी की स्थिति निर्मित हो गई। इस हादसे में किसी भी बारीती की मौत तो नहीं हुई लेकिन 11 मासूम बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए।
[pullquote-left] ये हुए घायल : [/pullquote-left] समीर पिता भोजराम, गोविंद पिता विदेशी, अक्षय पिता जय सिंह, भूपेंद्र पिता विष्णु सिंह, टिकेंद्र पिता रतन सिंह, भूषण पिता गोवर्धन, आनंद पिता हेमलाल, संजू पिता खेमलाल, अजय पिता रतन लाल, चंद्रिका पिता खमारी और सेवकदास पिता भीखमदास गंभीर रूप से घायल हो गए है। इन्हें इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खरसिया में भर्ती कराया गया है।
[pullquote-left] रोज हो रहे हादसे आरटीओ गंभीर नहीं : [/pullquote-left] सड़कों पर रोजाना सड़क हादसे हो रहे हैं। खटारा बसों के साथ साथ ओव्हर लोड वाहनें दौड़ रही है। आरटीओ विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। आरटीओ के दफ्तर में जहां अधिकारियों को दलालों से सांठगांठ कर काम करने से फुर्सत नहीं मिल रही तो वहीं सड़कों पर टोकन सिस्टम से अवैध उगाही करने में उडऩदस्ता टीम व्यस्त है। इसके चलते खटारा बसों व ओव्हर लोड बाराती गाडिय़ों पर कार्रवाई नहीं हो रही।
[pullquote-left] एक घंटे तक दर्द से कराहते रहे घायल : [/pullquote-left] पिकअप पलटने के बाद घायल मासूमों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल खरसिया लाया गया। लेकिन अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं होने की वजह से घायल बच्चे दर्द से करीब एक घंटे तक कराहते रहे। बार बार फोन करने के बावजूद डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंचे। जब मरीजों के परिजनों व स्थानीय लोगों ने अस्पताल में हंगामा किया। तब कहीं जाकर डॉक्टर अस्पताल पहुंचे और घायल बच्चों का इलाज शुरू किया। 11 में से दो बच्चे के पैर फ्रैक्चर हो जाने की बात कही जा रही है। बहरहाल आरंभिक उपचार के बाद घायल बच्चों की हालत में सुधार है।