बदहाल बाई पास क्रमांक 1 ने छीन ली एक और जान. बाईक पर नवोदय से बेटे को देख कर लौट रहे परिवार को ट्क ने ठोंका. पत्नी की मौके पर मौत, पति और बेटी घायल
खरसिया : पिछले काफी दिनों से लोगों के लिए परेशानी का सबब बने खरसिया के बाई पास क्रमांक 1 की दुर्दशा ने अंततः एक निर्दोष महिला की बलि ले ही ली । रेल्वे का कमर्शियल क्लर्क जो अपनी पत्नी और बेटी के साथ बाईक पर सवार होकर नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाले अपने बेटे से मिलकर वापस लौट रहा था सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया। ट्क की ठोकर से जहां उसकी पत्नी के घटना स्थल पर ही दुखद मौत हो गयी वहीं क्लर्क और उसकी बच्ची दूर छिटक जाने के कारण बाल-बाल बच गये। पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर विवेचना शुरू कर दी है। घटना के बाद ट्क चालक गाड़ी छोड़कर फरार हो गया वहीं ट्क को पुलिस ने जब्त कर लिया है।
[pullquote-right] इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार रायगढ़ रेल्वे स्टेशन में कमर्शियल कलर्क के पद पर कार्यरत एवं रेल्वे कालोनी खरसिया के क्वाटर क्रमांक 15/1 में निवासरत बलराम सिंह पिता आर.के. सिंह उम्र 41 वर्ष 29 मार्च को जवाहर नवोदय विद्यालय भूपदेवपुर में पढ़ने वाले अपने पुत्र सौरभ सिंह से मिलने के लिए सुबह अपनी पत्नी लम्मीना सिंह और अपनी बेटी वीणा सिंह के साथ मोटर सायकल होण्डा साईन क्रमांक सीजी 13 के 5887 से भूपदेवपुर गया हुआ था। वहां अपने बेटे से मिलने के बाद वे लोग वापस दुपहिया से ही खरसिया आ रहे थे कि बाई पास क्रमांक 1 पर मौहापाली के पास स्थित गुरू घासीदास चैक के पास एससीआई गोदाम की ओर से की ओर से आ रही ट्क क्रमांक एमपी 19 डी 5321 के चालक ने तेज एवं लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुये दुपहिया को ठोकर मार दी। [/pullquote-right] ठोकर इतनी जबरदस्त थी कि दुपहिया चला रहे बलराम सिंह और उसमें सवार उसकी बेटी वीणा सिंह काफी दूर छिटक गये पर बलराम सिंह की पत्नी लक्ष्मीना सिंह गुरू घासीदास चैक में लगे हुये टाईल्स पर गिर गयी और उस पर ट्क के पहिया चढ़ गया। ट्क के पहिये और टाईल्स की कोर के बीच आ जाने के कारण लक्ष्मीना सिंह का शरीर दो भागों में कट गया जिससे उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गयी वहीं बलराम सिंह और उसकी बेटी को भी हल्की चोटें आयी है। इस जबरदस्त हादसे को देख कर आस-पास के लोग भी इकटठा हो गये उनमें इस दर्दनाक हादसे और बाई पास क्रमांक 1 की दुर्दशा को लेकर जबरदस्त आक्रोश था। इस बीच किसी ने घटना की सूचना खरसिया पुलिस चैकी में दी तो प्रधान आरक्षक उमाशंकर नायक पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और किसी तरह लोगों को शान्त कराया। घटना स्थल का मुआयना और पंचनामा के पश्चात मृतिका लक्ष्मीना सिंह का शव पोस्मार्टम हेतु अस्पताल भेजा गया। वहीं बलराम सिंह और उसकी बेटी वीणा सिंह को मामूली उपचार के पश्चात अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है। पुलिस ने मर्ग कायम करके मामले की विवेचना शुरू करते हुये ट्क को जब्त कर लिया है और फरार ट्क चालक की तलाश की जा रही है।
[pullquote-left] कुम्भकर्णी निंद्रा में हैं अधिकारी और जनप्रतिनिधी [/pullquote-left]
बाम्हनपाली चैक से रेल्वे साईडिंग तक बने खरसिया का बाई पास क्रमांक 1 पिछले कई वर्षों से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है और इसमें बने बड़े-बड़े गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं परन्तु इस मार्ग की खराब हालत पर न तो नगरीय प्रशासन घ्यान दे रहा है और ना ही जिला प्रशासन। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता की वजह से इस मार्ग की हालत जस की तस बनी हुयी है और आये दिन इस मार्ग पर कोई ना कोई हादसा होना आम बात हो गयी है। 29 मार्च को जिस दिल दहला देने वाली सड़क हादसे में एक निर्दोष महिला को अपनी जान गंवानी पड़ गयी इसका मुख्य कारण भी बाई पास क्रमांक 1 की खराब हालत ही है। हालांकि समाचार पत्रों के माध्यम से कई बार इस मार्ग की जर्जर हालत को लेकर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराने का प्रयास किया जाता रहा है परन्तु उसके बावजूद इसके सुधार को लेकर कोई कारगर पहल नहीं की जा रही है जिससे अब लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है हालांकि इसको लेकर लोगों का गुस्सा फिलहाल कोयले के ढेर में लगी चिंगारी की तरह धीरे-धीरे धधक रहा है पर अब वह दिन दूर नहीं जब यह चिंगारी प्रशासन के खिलाफ आग बनकर उभरेगा।