MyCityMyChoice.com : कलेक्टर श्रीमती अलरमेल मंगई डी ने आगामी खरीफ सीजन के मद्देनजर जिले के किसानों से अपनी आवश्यकता के अनुरूप सोसायटियों से खाद एवं बीज का अग्रिम उठाव करने की अपील की है। कलेक्टर ने किसानों के नाम जारी अपने अपील में कहा है कि शासन द्वारा खाद एवं बीज का अग्रिम उठाव करने वालों किसानों को विशेष रियायत दी गई है। 31 मई तक किसानों को खाद एवं बीज के मूल्य पर किसी भी तरह का ब्याज नहीं देना होगा।
[pullquote-left] कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने कहा है कि जिले की समस्त सोसायटियों में खाद एवं बीज का पर्याप्त भंडारण कराया गया है। [/pullquote-left] जिले की 89 समितियों में विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरक लगभग 9 हजार मे.टन का भंडारण कराया गया है। इसके अलावा जिले के डबल लॉक में भी पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। खरीफ सीजन में किसानों को खाद एवं बीज की किल्लत न हो इसको ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा जिले की आवश्यकता के अनुसार खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। वर्तमान समय में सोसायटियों में उर्वरक रखने के लिए स्थान का आभाव होने के कारण और अधिक उर्वरक का स्टाक कराया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। बरसात शुरू होते ही खरीफ के लिए खाद बीज की मांग बढ़ जाएगी। ऐसी स्थिति में एकाएक खाद एवं बीज की आपूर्ति संभव नहीं है। अतएव खाद एवं बीज की किल्लत से बचने के लिए किसानों को चाहिए कि वह अपनी जरूरत के अनुसार अभी से सोसायटियों से खाद और बीज उठाकर अपने-अपने घरों में उसका सुरक्षित भंडारण कर लें ताकि खेती के समय उन्हें इसके लिए सोसायटियों का चक्कर न लगाना पड़े।
[pullquote-left] कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने उप संचालक कृषि सहित कृषि विभाग के समस्त मैदानी अमले को किसानों को खाद एवं बीज के अग्रिम उठाव के लिए उनसे संपर्क कर उन्हें प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने को कहा है। [/pullquote-left] जिले की सोसायटियों में उपलब्ध 9 हजार मे.टन खाद का उठाव किसानों के माध्यम से हर हाल में 30 अप्रैल तक सुनिश्चित करने को कहा है ताकि सोसायटियों में स्थान खाली होने पर और अधिक उर्वरक का भंडारण कराया जा सके। समस्त कृषि विकास अधिकारियों को अपने-अपने ईलाके का निरंतर भ्रमण कर किसानों से संपर्क कर उन्हें उनकी डिमांड के अनुसार खाद का उठाव कराने को भी कहा गया है। कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने कहा है कि जिला प्रशासन इस बात के लिए प्रयासरत है कि जिले में खरीफ सीजन में खाद एवं बीज की किसी भी तरह की किल्लत न हो। जिले के किसानों की आवश्यकता के अनुसार उर्वरक कंपनियों से संपर्क कर खाद की रेक नियमित रूप से जिले में मंगाए जाने की भी पहल की जा रही है।