श्रीमती अलरमेल मंगई डी ने रविवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित जिले के वाणिज्यिक संस्थानों एवं व्यापारिक संघों के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक में जिले में प्लास्टिक कैरी बैग के क्रय-विक्रय व उपयोग पर शासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने की अपील की। कलेक्टर ने कहा कि प्लास्टिक कैरी बैग के विनिर्माण, थोक एवं फुटकर विक्रय एवं उपयोग पर शासन द्वारा एक जनवरी से पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है। अभी भी यह शिकायत मिल रही है कि कुछ दुकानदार एवं प्रतिष्ठान चोरी-छिपे प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग कर रहे है, यह ठीक नहीं है। उन्होंने व्यापारिक संघों के पदाधिकारियों को अपने स्तर पर जिले के दुकानदारों व व्यापारियों की बैठक लेकर उन्हें समझाईश देने को कहा। कलेक्टर ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि जिला प्रशासन इस मामले में किसी भी तरह की रियायत नहीं देगा। राजस्व, नगर निगम, खाद्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम आगामी एक सप्ताह के भीतर दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में आकस्मिक रूप से जांच-पड़ताल की कार्रवाई करेगी। कैरी बैग पाए जाने पर जब्ती की कार्रवाई के साथ ही संबंधित दुकान एवं प्रतिष्ठान के संचालक के विरूद्ध भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
[pullquote-right] कलेक्टर ने बैठक में बताया कि प्लास्टिक कैरी बैग के स्थान पर कागज के ठोंगे, कपड़ा अथवा जूट के बैग के उपयोग किया जा सकता है। कागज,कपड़े अथवा जूट के थैले के विनिर्माण एवं प्रचलन का बढ़ावा देने के संबंध में उन्होंने विस्तार से जानकारी दी और कहा कि मांग के आधार पर बाजार में इसकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से इनका वृहद पैमाने पर निर्माण कराए जाने की पहल करेगा। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नीलेश क्षीरसागर भी उपस्थित थे।[/pullquote-right]
[pullquote-left] कलेक्टर ने प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग किए जाने पर दंड के प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। [/pullquote-left] उन्होंने बताया कि प्लास्टिक कैरी बैग के उपयोग गंभीर क्षति कारक होने के साथ ही पर्यावरण एवं मानव के साथ-साथ पशुओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर हानिकारक माना गया है। जिसके आधार पर राज्य शासन द्वारा एक जनवरी से प्लास्टिक थैली पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए है। कलेक्टर ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी किए गए राजपत्र के निर्देशों की जानकारी देते हुए बताया कि प्लास्टिक थैली (कैरी बैग) गटर, नालियों को निरूद्ध करते है। इसके उपयोग से पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न होती है। उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा 30 अक्टूबर 2014 को राजपत्र के आधार पर एक जनवरी 2015 से प्लास्टिक थैली के विनिर्माण, भंडारण, आयात, विक्रय तथा परिवहन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति, दुकानदार विक्रेता, थोक विक्रेता या फुटकर विक्रेता, व्यापारी फेरी लगाने वाला या रेहड़ी वाला इसका उपयोग नहीं कर सकेगा।