[aph] रायगढ़ [/aph] पिछले कुछ वर्षो से जिले के तहसील मुख्यालयों में पुसौर तहसील मुख्यालय जिले का सर्वाधिक संवेदनशील तहसील मुख्यालय बना हुआ है। दरअस्ल भारत सरकार के नवरत्नों में से एक नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन लि. के मेगा पावर प्लांट का काम यहां शुरू होने के बाद के घटना क्रमों ने पुसौर तहसील कार्यालय को न केवल अखबार की सुर्खियां दी है बल्कि पूरे तहसील कार्यालय में अराजकता का दौर शुरू हो गया है।
[aps] पुसौर के पास लारा तथा आस-पास के कई गाँव में एनटीपीसी के लिये भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के दौरान, मुआवजे और बोनस के लिये खातो के फर्जी बटवारो और जमीन खरीदी बिक्री के फर्जीवाड़ो से जुड़े 500 करोड़ रूपये के घोटाले के उजागर होने के बाद से ही ग्रह-नक्षत्रों की अगर माने तो पुसौर तहसील कार्यालय के ग्रह दशा बिगड़े हुए हंै। [/aps] एनटीपीसी मुआवजा घोटाले की जाँच शुरू होने के बाद एसडीएम तीर्थराज अग्रवाल और तहसीलदार संजय सोमावार सहित कई आर.आई और पटवारी या तो सस्पेंड हैं या गिरफ्तार हो चुके हैं या फिर फरार हैं पिछले दिनो इसी कड़ी में कड़ी जोड़ते हुए पुसौर तहसील मे ही पदस्थ एक और तहसीलदार को एन्टी करप्सन ब्यूरो की टीम रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथ पकड़ चुकी है और अब पुसौर तहसील कार्यालय में एक अदद महिला नायब तहसीलदार ही रह गई है नतीजे में इस तहसील कार्यालय के होने या नहीं होने का कोई अर्थ नहीं रह गया है।
पूरी तरह अराजकता के भँवर में घिरे पुसौर तहसील कार्यालय अब पूरी तरह भू-माफियाओं-जमीन के दलालों ठगों और चालबाजो की गिरफ्त में है, आलम यह है कि पुसौर तहसील कार्याल्य में अब ढेर सारे लोग बिना लाइसेंस अर्जीनवीसी और वकालत तक कर रहे हैं। अपने जरूरी काम के लिये दूर-दराज के गाँव से आने वाले लोगों का काम यहां तब तक नहीं हो पाता जब तक वे किसी भू-माफिया या जमीन दलालों की शरण में नहीं जाते जिसमें मामूली से काम के लिये उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ती है अन्यथा उन्हें बैरंग अपने गाँव वापस लाना पड़ता है। इस तरह पुसौर तहसील कार्यालय में प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। क्या जिला प्रशासन को पुसौर तहसील में पूरी तरह पंगु हो चुके प्रशासन की कोई खबर नहीं है? अगर है तो जिला प्रशासन पुसौर तहसील की प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त करने में कोताही क्यों कर रहा है।