[su_heading size=”17″ margin=”10″]सांसद आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत भर्कुरा में अभिनव पहल[/su_heading]
[aph] रायगढ़ : [/aph] यूं तो छत्तीसगढ़ को वर्षो से धान का कटोरा कहा जाता है। किन्तु छत्तीसगढ़ के कुछ ही क्षेत्र ऐसे है जहां पैदा होने वाले जैविक धान से बने चावल की मांग देश-विदेश में हो रही है। उनमें से एक जगह है रायगढ़ जिले के लैलूंगा तहसील के कुछ चुनिंदा गांवों में से एक सांसद आदर्श ग्राम-भकुर्रा एवं उसका ग्राम गहिरा, मसकट्टी और आसपास के गांव जहां बिना रसायनिक खाद का उपयोग किए जैविक पद्धति से कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है। यहां के जवाफूल, जीराफूल नाम के चावल की डिमांड मार्केट में होने लगी है। जैविक पद्धति से पैदा किए गए धान से मिलिंग कर निकाले गए जवाफूल एवं जीराफूल चावल के 5-5 किलो के पैकेट स्थानीय बाजारों में बिकने के साथ ही बाहर भी भेजे जा रहे है।
निकट भविष्य में इस जैविक चावल की मार्केटिंग वृहद पैमाने पर करने की योजना तैयार की गई है। भकुर्रा आदर्श ग्राम के 100 किसानों को 15 दिनों के लिए केरल भेजकर उन्हें जैविक खेती का विधिवत प्रशिक्षण भी दिया गया है। जंगलों के बीच बसे सांसद आदर्श ग्राम-भकुर्रा को पूरे प्रदेश में गहिरा गुरू के गांव के रूप में लोग जानते है। यह गांव अपने सात्विक जीवन पद्धति एवं संस्कृत शिक्षा के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में जाना जाता है। स्व.गहिरा गुरू के प्रयासों से भकुर्रा, गहिरा सहित आसपास के गांवों में पूर्णत: शराबबंदी है। मांस, मदिरा का सेवन यहां के ग्रामीण नहीं करते है। गहिरा गुरू के अनुययी अपने गुरू के बताए मार्ग पर चलकर उन्नत खेती-बाड़ी से बेहतर जीवन जीना चाहते है। इस गांव में गहिरा गुरू द्वारा स्थापित संस्कृत आश्रम में आसपास के गांवों के 250 से ज्यादा बच्चे संस्कृत का अध्ययन कर रहे है। इस गांवों को 1986-87 में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। सांसद आदर्श ग्राम भकुर्रा एवं उसके आश्रित गांवों में शीघ्र ही प्रधानमंत्री सिंचित योजनान्तर्गत गहिरा नाला परियोजना का काम भी शुरू किया जाएगा। गांव के लोगों की अपेक्षाएं बहुत कम है वे पीने के लिए पानी चाहते है और यही उनके ग्राम विकास योजना का एजेण्डा भी है। जिससे 175 एकड़ पड़त भूमि सिंचित हो जाए ताकि वे ब्रांडेड चावल का उत्पादन कर सके और अपने गांव को एक नई पहचान देने के साथ ही विकास की ओर अग्रसर कर सके। सांसद श्री विष्णुदेव साय और जिला अधिकारियों के सहयोग से गांवों में बेस लाईन सर्वे के बाद ग्राम विकास योजना तैयार की गई है। जिसके अनुरूप विकास एवं निर्माण के कार्य भी शुरू हो चुके है।