[su_heading size=”18″ margin=”3″]सोशल मिडिया के जरिये फैली सनसनी : अधिकारी व पत्रकार हुए परेशान[/su_heading]
[aph] रायगढ़ [/aph] बीते दो दिनों से रायगढ़ सहित आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश और बाढ़ से बचाव की कवायद के बीच आज सोशल मिडिया में पोस्ट हुए कुछ फोटो ने रायगढ़ व जांजगीर चांपा जिले के कई अधिकारियों को सकते में डाल दिया और पूरे दिन अधिकारियों के बीच फोन घनघनाते रहे। शोसल मिडिया ने किसी शरारती तत्व ने वास्ट्अप के जरिये पहले तो महानदी के पुल को खतरे के निशान के उपर बताया साथ ही साथ इस इलाके के कई गांव बाढ़ की आशंका से घिरे होनें का मैसेज जारी कर दिया। देखते ही देखते अधिकारियों व पत्रकारों में हडक़ंप मच गया और जब मौके पर कुछ अधिकारी व पत्रकार पहुंचे तो वहां ऐसी कोई स्थिति बन ही नही थी। एक साल पहले के फोटो के जरिये मैसेज जारी करने वाले का पता लगाया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शोसल मिडिया में वास्ट्अप के जरिये पोस्ट हुए महानदी में बाढ़ के कुछ फोटो ने कल रायगढ़ जिले सहित पड़ोसी जिले जांजगीर चांपा के अधिकारियों को सकते में डाल दिया। वास्ट्अप में जारी हुए इन छाया चित्रों में लात नाला सहित महानदी में भीषण बाढ़ के दृश्य के साथ-साथ नाथलदाई मंदिर को डूबा हुआ दिखाया गया है। वास्ट्अप में ये फोटो पोस्ट होते ही जिला प्रशासन के साथ-साथ बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने वाले अधिकारियों के फोन आपस में घनघनाने लगे। यहां तक कि जांजगीर चांपा जिले की डभरा क्षेत्र की एसडीओपी प्रतिभा तिवारी को मौके पर पहुंचकर स्थिति का आंकलन करने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत कराना पड़ा। दरअसल पिछले डेढ़ दिनों की बारिश के कारण महानदी का जलस्तर जरूर बढ़ा था मगर वह फिर भी खतरे के निशान से काफी नीचे था और शनिवार तथा रविवार को मौसम खुलने के कारण महानदी , मांड सहित लात नाला का पानी भी उतर गया है और इन मार्गो पर आवागमन सुचारू हो गया है। मगर इस फोटो पोस्ट होनें के चलते पूरे दिन अधिकारियों के साथ-साथ मिडिया से जुड़े लोग भी परेशान रहे। अंतत: चंद्रपुर थाने, कंट्रोल रूम तथा बाढ़ नियंत्रण कक्ष से जानकारी मिलने के बाद पता चला कि किसी के द्वारा गत वर्ष के बाढ़ की स्थिति के छायाचित्रों को पोस्ट कर दिया गया है।