[su_heading]प्रवेश के समय मुस्लिम बच्चों की उप जाति लिखने की अपील [/su_heading]
[aph] रायगढ़ : [/aph] शिक्षा विभाग रायगढ़ एवं शैक्षणिक संस्थान आयोग नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में अल्प संख्यक वर्ग के स्कूली छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का लाभ सुनिश्चित करने के उद्देश्य को लेकर 27 जुलाई को घरघोड़ा के हायर सेकेण्डरी स्कूल में कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला शैक्षणिक संस्थान आयोग नई दिल्ली के जिला समन्वयक श्री गुलाम रहमान खान, खण्ड शिक्षा अधिकारी घरघोड़ा बी.के.सिंह एवं तमनार ब्लाक के खण्ड शिक्षा अधिकारी अहमद जाफरी की विशेष मौजूदगी में संपन्न हुई। कार्यशाला में घरघोड़ा एवं तमनार ब्लाक के सभी शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों के प्राचार्य व प्रधान पाठक मौजूद थे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए शैक्षणिक संस्थान आयोग के जिला समन्वयक श्री गुलाम रहमान खान ने शासन द्वारा अल्प संख्यक वर्ग के विद्यार्थियों के शैक्षणिक उत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों एवं दी जाने वाली छात्रवृत्ति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। श्री खान ने कहा कि आनलाईन छात्रवृत्ति का आवेदन भरने के कारण इस वर्ग के विद्यार्थियों एवं उनके पालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जागरूकता के अभाव में अल्प संख्यक समुदाय के बच्चे इसका लाभ नहीं उठा पा रहे है। उन्होंने सभी स्कूलों के प्राचार्यो एवं प्रधान पाठकों से अपने-अपने स्कूल में पढ़ रहे अल्प संख्यक बच्चों को इसके लिए समझाईश देने के साथ ही ऑनलाईन छात्रवृत्ति भरने के संबंध में उनका मार्गदर्शन करने का आव्हान किया। श्री खान ने दोनों ब्लाकों के खण्ड शिक्षा अधिकारियों से ब्लाक मुख्यालय में कम से कम एक निजी कम्प्यूटर सेंटर से आनलाईन छात्रवृत्ति का आवेदन पत्र भरने की सेवा उपलब्ध कराने की बात कही। श्री रहमान खान ने कहा कि ऑनलाईन छात्रवृत्ति के लिए न्यूनतम शुल्क भी निजी कम्प्यूटर सेंटर से चर्चा कर तय किया जा सकता है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को फार्म भरने में सुविधा उपलब्ध कराना है। श्री खान ने प्राचार्यों एवं प्रधान पाठकों से यह भी अपील की कि आनलाईन छात्रवृत्ति भरने के फार्म के कालम एवं बाक्स में किस-किस तरह की जानकारियां दर्ज की जानी है इसकी भी जानकारी बच्चों को दी जानी चाहिए।
जिला समन्वयक श्री खान ने कहा कि जैसा कि आप सब जानते है कि मुस्लिम वर्ग की कई जातियों को पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया है। लेकिन स्कूली रिकार्ड एवं अन्य दस्तावेज में उन जातियों का उल्लेख न होने की वजह से इस वर्ग के बच्चों का पिछड़ा जाति प्रमाण-पत्र नहीं बन पा रहा है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा सभी शैक्षणिक संस्थानों को अल्प संख्यक वर्ग विशेषकर मुस्लिम समुदाय के बच्चों के दाखिले के समय अनिवार्य रूप से जाति के कालम में उनकी उपजाति लिखी जाए। श्री खान ने यह भी स्पष्ट किया कि धर्म के कालम में इस्लाम और जाति के कालम में सिर्फ मुसलमान लिखने से काम नहीं चलेगा। जिस तरह हिन्दु समुदाय में विभिन्न प्रकार की जातियां जैसे साहू, तेली, बुनकर, ठेठवार, कुर्मी, सतनामी, गोड़, कंवर आदि अनेक जातियां है। उसी प्रकार मुसलमानों में भी 26 ऐसी जातियां है जिन्हें शासन ने अन्य पिछड़ा वर्ग में मान्य किया है। उन्होंने बताया कि मुसलमान में मोमिनजुलाहा, मंसूरी, मनिहार, रंगरेज, धुनिया, धुनकर, भटियारा, पिंजारा, कुजड़ा, भिस्ती जैसी 26 जातियां अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल है। शासकीय दस्तावेज में मुसलमानों की जातियों का वर्गीकरण न होने के कारण शासन को इन वर्ग के बच्चों का जाति प्रमाण-पत्र बनाने में दिक्कत हो रही है। यही कारण है कि मुसलमान बच्चों को आरक्षण एवं शासन की योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होने सभी शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों से आग्रह किया कि वह स्कूल में दाखिला देते समय मुसलमान बच्चे के पालक से उसकी जाति के बारे में अनिवार्य रूप से पूछकर दाखिला रजिस्टर में उसे अंकित करें।
कार्यशाला में छात्रवृत्ति प्रकोष्ठ के जिला नोडल अधिकारी शैलेन्द्र कुमार कर्ण ने भी अल्प संख्यक छात्रवृत्ति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में अल्प संख्यक समुदाय के प्रतिनिधि सर्वश्री प्रदीप खलखो, मो.आवेश, हाजी मुबाकर मियारिया, एल्डरमेन शकील मोहम्मद सहित अन्य गणमान्य लोग व बड़ी संख्या में शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुख उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में हायर सेकेण्डरी स्कूल घरघोड़ा के प्राचार्य राजेश कुमार मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।