[aps] कमजोर एवं वंचित वर्ग के बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश देने के दिए निर्देश [/aps] रायगढ़ : कलेक्टर श्रीमती अलरमेल मंगई डी ने आज सृजन सभाकक्ष में आयोजित निजी शिक्षण संस्थाओं की बैठक में बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम का पालन गंभीरता से करने के निर्देश दिए। उन्होंने निजी शालाओं के प्राचार्यों को निर्देश देते हुए कहा कि 25 प्रतिशत सीटों पर कमजोर एवं वंचित वर्ग के बच्चों को नर्सरी, केजी, केजी-1 में प्रवेश देना अनिवार्य है। प्रत्येक विद्यालय में दर्ज संख्या के अनुपात में 25 प्रतिशत सीट आरक्षित रखने का प्रावधान है। ऐसे पालक जो अपने बच्चों को आरटीआई अंतर्गत प्रवेश दिलाना चाहते है वे अपना आवेदन सहायक नोडल अधिकारी एवं शिक्षा अधिकारी रायगढ़ को 30 मई तक प्रस्तुत कर सकते है।
[aps] कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने निजी शिक्षण संस्थाओं को अपनी प्रवेश कक्षा का नाम एवं उसमे दर्ज संख्या की जानकारी 15 मई के पूर्व तक सहायक नोडल अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। [/aps] कलेक्टर ने बैठक में प्राचार्यों को पालकों की बैठक आयोजित करने एवं उपलब्ध सीट संख्या के अनुरूप रेण्डम लॉटरी पद्धति से बच्चों का चयन किए जाने के निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि 15 जून के पश्चात यदि निजी विद्यालयों में आरक्षित सीटों के विरूद्ध सीटें रिक्त रह जाती है तो 22 जून के पश्चात शेष रिक्तियां अनारक्षित मान ली जाएगी एवं दर्ज संख्या के आधार पर आरक्षित सीटों पर प्रवेश कराना सुनिश्चित किया जाएगा। 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों के विरूद्ध प्रवेशित बच्चों के शिक्षण व्यय का भुगतान राज्य शासन द्वारा किए जाने का प्रावधान है। उन्होंने प्राचार्यों को निर्देश देते हुए कहा कि शिक्षकों के लिए शैक्षणिक वर्ष में कक्षा पहली से पांचवी तक की कक्षाओं के लिए 200 कार्य दिवस एवं 800 शिक्षण घंटा तथा 6 वीं से 8 वीं तक के लिए 220 कार्य दिवस एवं 1000 शिक्षण घंटे निर्धारित किया गया है। इसका उल्लंघन करने वाले निजी शिक्षण संस्थाओं एवं शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में प्राचार्यों को विद्यालय में मूलभूत सुविधाएं की उपलब्धता शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही बालक-बालिका हेतु अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था, अग्नि शमन यंत्र, खेल का मैदान, पर्याप्त अध्यापन कक्ष, सुरक्षा व्यवस्था एवं शालाओं में पर्याप्त शिक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी एवं विकास खण्ड शिक्षा अधिकारियों को ग्रामीण स्तर पर कोटवारों के माध्यम से मुनादी कराने, दीवार लेखन, कला पथक दल के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए ताकि ग्रामीण वर्ग के बच्चों को भी प्राथमिकता के आधार पर निजी शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश दिलाया जा सके।
[toggle title=”स्कूल बस में सुरक्षा की दृष्टिकोण से सीसी टीवी कैमरा लगाने के निर्देश” state=”open”]कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने निजी शिक्षण संस्थाओं के प्राचार्यो को निर्देश देते हुए कहा कि अपने विद्यालय के स्कूल बस में सुरक्षा की दृष्टिकोण से इनमें सीसी टीवी कैमरा लगाने एवंं स्कूल बस में अनिवार्य रूप से बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए महिला शिक्षकों की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि विद्यालय में बच्चों को शारीरिक एवं मानसिक प्रताडि़त न किया जाए, अन्यथा संबंधित शिक्षण संस्था के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी मनीन्द्र श्रीवास्तव, सहायक संचालक दिप्ती अग्रवाल, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं निजी शिक्षण संस्थाओं के प्राचार्य एवं संचालकगण उपस्थित थे। [/toggle]