ग्रा.पं. कटौद थाना डभरा का मामला
डभरा :- चुनावी वायदे के लिए लापरवाही पूर्वक बनाए गए पानी टंकी के ढहने से हुई आदिवासी बालिका की दर्दनाक मौत को लगभग एक माह पूर्व होने जा रहा है जिसमें आज तक जुर्म दर्ज नहीं होना दुर्भाग्य पूर्ण है। और इस मामले में पिता की चुप रहने के पीछे विवशता यह है कि वह आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है लेकिन क्या कानून को अपना कार्य नहीं करना चाहिए?
विदित हो कि थाना-डभरा के अंतर्गत ग्राम पंचायत कटौद में नवनिर्मित पानी टंकी के ढह जाने से एक 5 वर्षीय आदिवासी बालिका कु.चंचला सिदार पिता श्री मुरलीधर सिदार की मौत हो गई थी एवं मृतक बच्ची का छोटा भाई 3 वर्षीय गुलषन सिदार भी गंभीर रूप से घायल हुआ था एवं 7 वर्षीय बालिका कु.किरण पिता संतोष चंद्रा को भी काफी चोटे आई थी। ग्रामिणो के अनुसार उक्त टंकी का निर्माण ग्राम पंचायत कटौद की नव निर्वाचित सरपंच श्रीमति योगेष्वरी चन्द्रा जो कि वर्तमान में वि0 ख0 डभरा के सरपंच संघ अध्यक्ष भी है के द्वारा चुनावी वायदे के तहत् बनवाया गया था जिसे ग्राम के ष्षासकीय भवन के पुराने अहाता से जोड़कर बना दिया गया था जोकि औपचारिकता मात्र का निर्माण था और उक्त टंकी को किस हदतक घटिया निर्माण किया गया था जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बनने के बाद 17 अप्रैल 2015 के प्रातः प्रथम बार पानी भरने से ही ढह गया जिसमें उपरोक्त तीनों बच्चे मलवे में दब गये और नतिजा एक की मौत और दो की गंभीर स्थिति बनी। जिस पर आज पर्यन्त तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।चुंकि इस मामले में मृतक बच्ची का पिता मुरलीधर सिदार बेहद गरीबी में जीवन ज्ञापन कर रहा है इस वजह से कोई कार्यवाही करा पाने में विवष है।
[pullquote-left] डाॅ.से एक ही बच्ची का जिक्र करने का कारण [/pullquote-left] इस संबंध में गा्रमिणों ने बताया कि हादसे के तत्काल बाद घायल अवस्था में मृतक बच्ची चंचला सिदार एवं उसका घायल भाई गुलषन कुमार सिदार को सरपंच पति के द्वारा वाहन से सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डभरा ले जाया गया जहंा डाक्टर के द्वारा गंभीरता को देखते हुए एवं सुविधा के अभाव के कारण तत्काल रायगढ़ रिफर कर दिया और परिलनों के द्वारा बच्चों को खरसिया अस्पताल लेजाया गया था जहां कुमारी चंचला सिदार की मृत्यू हो गई बताया गया। किंतू इस संबंध में सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डभरा के मुख्य चिकिस्ता अधिकारी डाॅ. एन पी मिश्रा ने बताया कि उनके पास एक ही घायल बच्चे को लाया गया था फिर दुसरे बच्चे के बारे उन्हे कोई जानकारी नहीं होना बताया। यह बात समझ से परे है कि दोनों बच्चे गंभीर रूप से घायल थे फिर एक ही बच्चे को डाॅ. के पास लेकर जाने का क्या कारण है। उस समय दुसरे बच्चे को डाॅ. को क्यों नही दिखाया गया।?
[pullquote-left] मृतक के पिता का चुप रहने के पीछे तर्क [/pullquote-left] इस संबंध में मृतक बच्ची का पिता ने कोई शिकायत दर्ज नही कराया है जिसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि उक्त टंकी का निर्माण मुरलीधर सिदार के द्वारा ही किया गया है। और यह सही भी है कि टंकी निर्माण में उसने मिस्त्री और मजदूरी का कार्य किया था जिस वजह से दबाव में हो सकने की वजह ासे किसी प्रकार की षिकायत करना नही चाहा हो। जबकि निर्माण करवाना और उस पर मजदूरी करना अलग-अलग बातें है। बहरहाल यह एक आदिवासी बालिका कि मृत्यू का गंभीर मामला है जिसकी निस्पक्षता पूर्वक जांच किया जाना चाहिए एवं दोसियों के विरूद्ध उचित कार्यवाही किया जाना चाहिए।
[box type=”note” align=”alignleft” class=”” width=””] इस संबंध में डभरा टी आई उमेष मिश्रा से पूछे जाने पर बताया कि चुंकि उक्त मृत्यू खरसिया अस्पताल में हुई थी जिसकी आज तक केष डायरी हमारे पास नही आ पाई है वहां से पूरी जानकारी आ जाने के बाद ही मामले की जांच की जायेगी।[/box]