[aps] खरसिया वनविभाग में व्याप्त है भर्रासाही, जलाऊ लकड़ियों पर बनता है प्रकरण , इमारती लकड़ी तस्करों को मिलता है संरक्षण [/aps] यंहा पदस्थ रेंजर एवम् डिप्टी रेंजरों की मिली भगत से लकड़ी तस्करों के हौसले बुलन्द है तो वंही घरेलू कार्य के लिए जलाऊ लकड़ी बोईर, बबूल, कसही जैसे पेड़ो को अगर खरसीया आरा मील लाया जाता है तो उन्हें रास्ते में रोककर नियम कानून का हवाला देते हुए जबरन कार्यवाही का भय दिखाया जाता है फिर सेटिंग के तहत छोड़ दिया जाता है।
जबकि छोटे जामपाली,बिंजकोट,कूकरी चोली, भालूनारा आदि स्थानों पर जमकर इमारती लकडीयों बीजा, सराई, सागौन की अवैध कटाई बीट गार्डों एवम् वन अधिकारीयों के जानकारी में काटा का रहा है।
[aph] नाप तौल के लिए हो रहा पत्थरों का इस्तेमाल [/aph] जलाऊ लकड़ी बेचने के मदनपुर डिपो में बाँट की जगह बोल्डर पत्थरों का इस्तेमाल किया जाता है। जब इस सम्बन्ध में डिप्टी रेंजर एवम् डिपो प्रभारी चौहान से पूछा गया तो उनके द्वारा बाँट चोरी हो जाने के भय से पत्थर के इस्तेमाल की बात कहि ।
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[aph] रविवार के दिन ट्रेक्टर में किया जा रहा था लकड़ी लोड [/aph] रविवार के दिन मदनपुर डिपो से एक ट्रेक्टर में लकड़ी लोड किया जा रहा था जबकि मौके में कोई चौकीदार या वनविभाग के कर्मचारी नही थे जब ट्रेक्टर मालिक से पूछा गया तो उसने लकड़ी खरीदना बताया । जबकि डिपो प्रभारी से पूछा गया तो उनके द्वारा उक्त लकड़ी को कोर्ट से गाड़ी छूटने पर वापस करने बोला गया था। जब रेंजर से इस बारे में पूछा गया तो उनके द्वारा 5 हजार जुर्माना ले कर उक्त ट्रेक्टर को छोड़ने की बात कहि वंही डिप्टी रेंजर चौहान ने किसी प्रकार का जुर्माना से इंकार किया । इस प्रकार खरसिया वनविभाग में भर्रा शाही जोरों पर है ।
[box type=”shadow” align=”” class=”” width=””]उक्त पुरे मामले की शिकायत जिला वनमण्डलाधिकारी श्री पाण्डेय से की गई तो उनके द्वारा पुरे मामले की जाँच कर कार्यवाही करने की बात कहि है ।[/box]