[aph] अधिकारी को वापस बुलाने से खनिज माफियाओं के पौ-बारह [/aph] खरसिया – खरसिया क्षेत्र में गौण खनिजों का अवैध उत्खनन एवं परिवहन करने वालो के विरूद्ध ठोस कार्यवाही करने वाले खरसिया तहसीलदार सहायक कलेक्टर गौरव सिंह को कलेक्टर द्वारा अचानक वापस बुलाया जाना क्षेत्रवासियों के समझ से परे है। सहायक कलेक्टर गौरव सिंह के इस छापामार कार्यवाही से जहां खरसिया क्षेत्र में अवैध कार्य करने वालो के हौसले पस्त हो रहे थे वहीं लोगो के मन में प्रशासन के प्रति अच्छी छबि बनने लगी थी किंतु कलेक्टर रायगढ़ द्वारा अचानक गौरव सिंह के जगह खरसिया तहसीलदार के पद पर लैलूंगा के नायब तहसीलदार का पदस्थापना किया जाना क्षेत्रवासियों के समझ से परे है।
[aps] विदित हो कि खरसिया तहसीलदार पद पर जब से सहायक कलेक्टर गौरव सिंह की पदस्थापना हुई थी तब से खरसिया तहसील कार्यालय में कार्यो में तेजी आई थी [/aps] खरसिया विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रो से आने वाले लोगो को अपनी समस्याओं के लिये इनके रहते तहसील कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पडे जैसे बी-1 खसरा प्राप्त करने वालो ग्रामीण कृषको को तहसीलदार के रूप में पदस्थ सहायक कलेक्टर गौरव सिंह ने तत्काल बी-1 खसरा उपलब्ध कराना प्रारभ किया था। इसी प्रकार ग्रामीणो क छोटी मोटी समस्याओं को वे तत्काल निपटारा कर दिये गये करते थे जिससे ग्रामीणजनो में प्रशासन की अच्छी छबि बन रही थी। वहीं क्षेत्र में अवैध रूप से रेत उत्खन एवं परिवहन करने वालो रेत माफि ओं एवं बोल्डर, मुरूम जैसे गौण खनिजो के अलावा आदिवासी अंचल बरगढ खोला के ग्राम फरकानारा में मिलने वाले छुही पत्थर फ ायर क्ले का कई सालो से अवैध उत्खनन करने वालो के विरूद्ध सहायक कलेक्टर गौरव सिंह ने छापमार कार्यवाही करते हुए इसे बंद करवाया था। जिससे भी स्थानीय प्रशासन की छबि लोगो में अब अच्छी बनने लगी थी तथा लोगो के उपर प्रशासन का विश्वास जमना शुरू हुआ था किंतु गौरव सिंह के स्थान पर लैलूंगा के नायब तहसीलदार को खरसिया जैसे बडे तहसील का तहसीलदर बना कर भेजना क्षेत्रवासियों के समझ से परे है। जिला प्रशासन की यह कार्यवाही को क्षेत्रवासी के समझ से बिल्कुल परे है। लोगो के मन में यह बात भी अब घर करने लगी है कि कहीं अवैध कार्य करने वाले रेत माफिया या खनिजो के अवैध उत्खनन करने वालो द्वारा तो कहीं तहसीलदार का स्थानांतरण नहीं करवाया गया है।