रायगढ़ : जिले में चिटफंड कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन राज्य सरकार वित्त विभाग एवं इंडियन इंस्टीट्यूट आफ चार्टेड एकाउंटेंट आफ इंडिया के तत्वाधान में किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए सीए व्ही.के.जैन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में चिटफंड का जाल बिछाकर निवेशकों को ठगने और लूटने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की किए जाने का कानून प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। राज्य सरकार अब चिटफंड कंपनियों पर भी शिकंजा कस रही है, ताकि निवेशकों को ठगी से बचाया जा सके। निवेशकों के हित संरक्षण के लिए अधिनियम एवं चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध कड़ा कानून लागू किया गया है।
कार्यशाला में बताया गया कि चिटफंड कंपनियों को पंजीकृत कराना अनिवार्य है। साथ ही कार्यरत कंपनियों, दस्तावेज, जमा कर्ताओं से जमा कराई गई राशि की पूरी जानकारी जिले के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को देना होगा। लोगों से पैसा जमा कराकर भागने या धोखाधड़ी करने वाले कंपनियों और उनके संचालकों को बैंक खाते तथा संपत्ति सीज करने का अधिकार जिला प्रशासन को दिया गया है। इससे धोखाधड़ी के मामलों में पीडि़तों को उनका जमा राशि वापस दिलाने में पुलिस प्रशासन को काफी मदद मिलेगी। कार्यशाला में सीए अरूण अग्रवाल ने बताया कि निवेशकों को चेक के माध्यम से ही लेनदेन करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि यदि किसी भी व्यक्ति को किसी निवेश कंपनी के फर्जी होने की शंका हो अथवा जानकारी मिले इसकी सूचना तत्काल जिला प्रशासन व पुलिस विभाग को दे ताकि उन पर अविलंब कार्रवाई की जा सके।
कार्यशाला में यह बताया गया है कि राज्य सरकार ने गैर बैंकिंग कंपनियों के खिलाफ दर्ज मामलों में तेजी से और कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। रिजर्व बैंक को सभी अधिसूचित वित्तीय कंपनियों की जानकारी पुलिस महानिदेशक, सीआईडी, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को उपलब्ध कराने कहा गया है। कंपनियों की जांच और उनकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए रिजर्व बैंक, सेबी कंपनियां रजिस्ट्रार मिलकर काम करेंगे। कार्यशाला में यह भी जानकारी दी गई कि गड़बड़ी करने वाले चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सजा के क्या-क्या प्रावधान है। इनमें कंपनी संचालक को सजा और जुर्माना के साथ उसकी संपत्ति कुर्क किए जाने का प्रावधान है। लोगों के साथ धोखाधड़ी और गड़बड़ी करने वाले आरोपियों को अग्रिम जमानत नहीं है। ऐसे मामले निपटाने के लिए विशेष न्यायालय का प्रावधान है। इस अवसर पर जिला कोषालय अधिकारी श्री कुरूवंशी, उप पंजीयक श्री बसंत कुमार, अल्प बचत अधिकारी श्री जगजीवन जांगड़े, लीड बैंक के प्रबंधक दिनेश अग्रवाल, आलोक अग्रवाल, बाल कृष्ण केडिया, पुलिस विभाग के अधिकारी, बैंको के प्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में चार्टड एकाउंटेट अधिकारी उपस्थित थे।