[aps] तीन दिन पूर्व रेलवे स्टेशन में लावारिस हालत में मिली 6 साल की मासूम मूकबधिर बच्ची के साथ स्टेशन परिसर में मिलनेवाले सभी बच्चों को आरपीएफ द्वारा सीधे चाइल्डलाइन को सौंप देने के मामले में जीआरपी द्वारा कड़ी आपत्ति व्यक्त की गई है[/aps] रायगढ़ : जीआरपी के अधिकारियों के अनुसार किसी लावारिस बच्चे का मेडिकल टेस्ट कराने का अधिकार सिर्फ जीआरपी को है, आरपीएफ को नहीं। आरपीएफ की जिम्मेदारी सिर्फ ऐसे बच्चों को जीआरपी के सुपुर्द कर देना होता है। जीआरपी द्वारा ऐसे बच्चों के मेडिकल टेस्ट के बाद किसी एनजीओं को सौंपा जाता है। लेकिन शहर के रेलवे स्टेशन में इसका पालन नहीं किया जाता है। इस आपत्ति की शुरूआत तीन दिन पहले आरपीएफ को मिली नाबालिग मूक-बधिर बच्ची के मिलने के साथ शुरू हुई। आधी रात को मिली बच्ची को आरपीएफ द्वारा चाइल्डलाइन को सौंप दिया गया। जहां से उसे जिला अस्पताल लाया गया। यहां से उसे चाइल्डलाइन वाले अपने साथ लेकर चले गए। इस पूरे प्रकरण का कोई रिकार्ड जिला अस्पताल में दर्ज नहीं कराया गया।
जीआरपी की मानें तो आरपीएफ द्वारा ऐसा नहीं किया जा सकता है। किसी का रिकार्ड रखने की जिम्मेदारी जीआरपी के पास है और मेडिकल टेस्ट की पूरी रिपोर्ट सिर्फ जीआरपी के जवान ही दर्ज करा सकते हैं। जीआरपी वालों को कहना है कि अफसोस की बात है कि हमारे पास रेलवे स्टेशन से मिले बच्चों के बारे में कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। क्योंकि आरपीएफ द्वारा इसकी सूचना नहीं दी जाती।
[toggle title=”क्या है पूरा मामला” state=”open”] 17 मई की शाम को रेलवे स्टेशन परिसर में 6-7 साल की मासूम और मूक-बघिर बच्ची घुमती हुई देखी गई। लावारिस हालत में होने के कारण इस बच्ची को आरपीएफ के हवाले कर दिया। आरपीएफ वालों ने चाइल्डलाईन सें संपर्क कर आधी रात को उसे सौंप दिया। जहां से आरपीएफ के एक जवान और चाइल्डलाइन कार्यकर्ता की मौजूदगी मे बच्ची की प्रारंभिक जांच कर डॉक्टरों ने सबकुछ ठीक होने की बात कहकर बच्ची को डिस्चार्ज कर दिया। जबकि जीआरपी का कहना है कि ऐसे मामलों में सबसे पहले बच्चों की पूरी तरह से मेडिकल टेस्ट कराई जाती है। ताकि इस बात की जानकारी मिल सके कि बच्चे किसी बीमारी से ग्रसित न हों। लेकिन यहां पर ऐसा नहीं किया गया। जीआरपी के बयान और अस्पताल के स्टाफ की मानें तो पूरे मामले की लीपापोती करने की कोशिश की जा रही है। क्योंकि कुछ लोगों का कहना है कि मानसिक रूप से कमजोर इस बच्ची के साथ कुछ लोगों द्वारा गलत किया गया है। जिसे छुपाने की कोशिश की जा रही है। उधर अब महिलाबाल विकास की प्रभारी जस्सी फिलिप ने कहा है कि बच्ची का पूरा मेडिकल टेस्ट कराया जाएगा।[/toggle]