[aps] सेवाकुंज की बेशकीमती जमीन को लेकर अब कार्रवाई शुरू हो गई है। राजस्व मंडल ने छग शासन के पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता कृष्णकुमार गुप्ता को नोटिस भेजा है। वहीं जिला प्रशासन द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट में प्रकरण लंबित है [/aps] रायगढ़ : शहर के बीचोबीच स्थित करोड़ों की जमीन को जिला प्रशासन ने मुक्त कराने की पहल की थी। सेवाकुंज जमीन मामला बहुत हाईप्रोफाइल है। इसमें शहर के रसूखदार लोग शामिल हैं। मिली जानकारी के मुताबिक जिला प्रशासन ने जमीन को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई जारी है। वहीं पुनर्विलोकन के लिए कलेक्टर रायगढ़ ने पूर्व में राजस्व मंडल में अपील की थी। इस पर राजस्व मंडल बिलासपुर ने कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री केके गुप्ता को नोटिस भेजा है। सूत्रों के मुताबिक पहले मंडल ने एक बार और नोटिस जारी किया था, लेकिन दो दिन बाद ही पेशी की तारीख होने के कारण तामीली नहीं हो सकी। इस बार पुन: मंडल ने 11 मई को श्री गुप्ता को नोटिस दिया है। इस तरह से करोड़ों की जमीन का मामला कछुआ चाल से ही सही, लेकिन आगे बढऩे लगा है।
[aph] क्या है मामला [/aph] जिला प्रशासन का दावा है कि शीट नंबर 32, प्लॉट नंबर 11, रकबा 73038 वर्गफुट जमीन एक पब्लिक ट्रस्ट को दान में दी गई थी। बाद में केके गुप्ता तथा अन्य ने राजस्व मंडल के आदेश को आधार बनाकर नजूल जमीन को नामांतरण कराकर अपने नाम करा लिया गया, जबकि जमीन का मूल पट्टा है ही नहीं। अधिकारियों के अनुसार इस भूमि का कोई स्थाई पट्टा कभी भी जारी नहीं किया गया। नामांतरण के बाद जमीन को टुकड़े कर बेचना शुरू कर दिया। अब तक करीब 15 टुकड़े बेचे जा चुके हैं। पूर्व कलेक्टर मुकेश बंसल के निर्देश पर जमीन की मौका जांच कर प्रतिवेदन भी सौंपा जा चुका है।
[toggle title=”पूर्व अधिकारी ही करते रहे देरी” state=”open”] राजस्व मंडल का आदेश वर्ष 2006 में आया था। उसके बाद तत्कालीन कलेक्टर ने नजूल अधिकारी को हाई कोर्ट में याचिका दायर करने का आदेश दिया था लेकिन इसे टाला जाता रहा। इसके बाद पूर्व कलेक्टर मुकेश बंसल ने अपने कार्यकाल के दौरान नजूल अधिकारी केएस मंडावी को याचिका दायर करने के निर्देश दिए थे। अंतत: विधि विधायी विभाग छग शासन से अनुमति मिलने के बाद फरवरी 2015 में याचिका दायर कर दी गई।[/toggle]