रायगढ । रायगढ़ जिले के घरघोड़ा विकास खण्ड के ग्राम-ढोरम गांव के आदिवासी कृषक चरण साय प्याज की खेती कर लखपति बन गया है। मात्र सवा एकड़ में पहली बार हाईब्रिड प्याज की खेती कर उसने 3 लाख से अधिक का मुनाफा अर्जित किया है। प्याज की खेती से चरण साय की किस्मत बदल गई है। वह इससे बेहद उत्साहित है और अपने गांव के किसानों को परम्परागत धान, कोदो-कुटकी की खेती की जगह साग-सब्जी, प्याज, लहसुन की खेती के लिए प्रेरित करने लगा है।
प्याज की खेती से चरण साय के घर में खुशहाली का एक नया सवेरा आया है। चरण साय का मानना है कि जब मन में कुछ करने की चाहत और ईच्छाशक्ति प्रबल हो तो सफलता का रास्ता खुद ब खुद बनने लगता है। उसके साथ भी ऐसा ही हुआ। परंपरागत खेती से बड़ी मुश्किल से जीवन-यापन करने वाले चरण साय के जीवन में आज प्याज की खेती ने एक नई बहार ला दी है। पहली बार उसने उद्यान विभाग के मार्गदर्शन में प्याज की खेती कर 3 लाख रुपए से अधिक का मुनाफा कमाया है।
उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित प्याज क्षेत्र विस्तार योजना की मदद एवं नई तकनीक से चरण साय हाईब्रिड प्याज बीज प्राप्त किया। विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में प्याज की खेती की तकनीक सीखकर उसने प्याज की खेती शुरू की। चरण साय ने बताया कि कुछ दिनों के बाद प्याज की खेती को देखकर उसे यह उम्मीद जगी कि प्याज का उत्पादन बेहतर होगा और इससे उसको मुनाफा भी मिलेगा। मात्र सवा एकड़ खेत में रोपित प्याज जब तैयार हुई तो खुदाई के बाद 120 क्ंिवटल प्याज का उत्पादन हुआ। चरण साय ने बताया कि उम्मीद से अधिक प्याज का उत्पादन ने उसको खेती-किसानी की एक नई दिशा दी है। प्याज की खेती से उसके परिवार की दशा पहले से बेहतर हुई है। चरण साय ने उद्यानिकी विभाग की मदद से प्याज के भंडारण का तौर-तरीका भी सीख लिया है।