आशा-द होप के सेवा कार्य को सराहा
रायगढ़, 22 अगस्त 2015/ बिलासपुर संभाग के कमिश्नर श्री सोनमणी बोरा ने रायगढ़ प्रवास के दौरान पतरापाली स्थित ओपी जिंदल प्रशिक्षण एवं पुनर्वास केन्द्र का मुआयना किया। यहां नि:शक्त बच्चों की काऊंसिलिंग एवं उन्हें सक्षम बनाने के लिए किए जा रहे कार्य की मुक्त कंठ से सराहना की। इस दौरान कलेक्टर श्रीमती अलरमेल मंगई डी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नीलेश क्षीरसागर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अजेश पुरूषोत्तम अग्रवाल, उपाध्यक्ष श्री नरेश पटेल, अपर कलेक्टर श्री श्याम धावड़े, जिंदल ग्रुप के कार्यपालन निदेशक पंकज गौतम, जयंत कुमार मोहंती, संजीव चौहान सहित अन्य लोग मौजूद थे। आशा द होप संस्था द्वारा शारीरिक, मानसिक एवं अन्य प्रकार की नि:शक्तता से ग्रसित बच्चों को आवश्कतानुसार कृत्रिम अंग उपकरण नि:शुल्क प्रदाय किए जाने के साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं काऊंसलर के माध्यम से ईलाज की सुविधा प्रदाय की जाती है। संभागायुक्त श्री बोरा ने ओपी जिंदल पुर्नवास प्रशिक्षण केन्द्र आशा द होप एवं मोटिवेशन इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से स्पाईनल कार्ड की बीमारी से ग्रसित लोगों के आवागमन की सुविधा के लिए विशेष रूप से प्रदाय की जा रही हाईटेक ट्राईसायकिल के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस अवसर पर मोटिवेशन इंडिया के प्रतिनिधियों ने बताया कि स्पाईनल इंजुरी वाले लोगों के लिए मोटिवेशन इंडिया द्वारा ट्राईसायकल उपलब्ध कराई जाती है। देश के कई राज्यों के ऐसे अशासकीय संगठन जो नि:शक्तजनों के हितार्थ काम कर रहे है। मोटिवेशन इंडिया ने उनसे अनुबंध कर हाईटेक्निक ट्राईसायकल की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है। एलिम्को जबलपुर से मोटिवेशन इंडिया ने अनुबंध किया गया है। इस अवसर पर संभागायुक्त श्री बोरा ने स्पाईनल कार्ड की बीमारी से पीडि़त लोगों के लिए ट्राईसायकल संचालन प्रशिक्षण का अवलोकन किया और इनके विशेष प्रशिक्षण के लिए पुर्नवास केन्द्र में नवनिर्मित सीढ़ी चबूतरा का विधिवत फीता काटकर लोकार्पण किया।
संभागायुक्त श्री बोरा ने इस अवसर पर ओपी जिंदल प्रबंधन के अधिकारी एवं आशा-द होप संस्था में सेवारत चिकित्सकों से बच्चों की देखभाल एवं उनके ईलाज के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने स्पीच थैरेपी व आडियोमेट्री कक्ष का भी मुआयना किया। अपने नि:शक्त बच्चों के ईलाज के लिए संस्था में आई माताओं से भी उन्होंने बातचीत की। नि:शक्त बच्चों की माताओं ने आशा-द होप संस्था द्वारा उनके बच्चों की बीमारी को दूर करने के लिए वहां दिए जा रहे ट्रीटमेन्ट को बेहतर बताया।