[su_pullquote]रायगढ़ में प्राचीन काल से चली आ रही रथोत्सव परंपरा के अनुसार आज रथ द्वितीया के दिन विधि विधान से पूजा अर्चना पश्चात भगवान जगन्नाथ उनके बडे भाई बलभद्र व बहन सुभ्रदा को राजापारा स्थित प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर के गर्भ गृह से निकालकर रथ पर आरूढ किया गया।[/su_pullquote]
रायगढ़ : इससे पूर्व आयोजन समिति के पदाधिकारी बकायदा बाजे गाजे के साथ रायगढ़ रियासत के वर्तमान राजा विशाल बहादुर को आमंत्रित करने पहुंचे और राजा विशाल बहादुर के द्वारा भगवान श्री की पूजा पश्चात छेरा पहरा देकर बाजे-गाजे घंट ध्वनि और हरिबोल व जय जगन्नाथ के उद्घोष के बीच अगुवाई करते हुए भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा को रथ में विराजित कराया गया। इस अवसर पर शहर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों की संख्या में रथोत्सव देखने के लिये ग्रामीणजन उमड पडे थे।
रियासतकालीन समय से चली आ रही प्राचीन परंपरा के अनुसार रायगढ़ में रथोत्सव की परंपरा दो दिन मनाई जाती है। यही नहीं शहर में पूरे माह भर अलग-अलग क्षेत्रों में रथोत्सव मनाया जाता है। इसी परंपरा के अनुसार आज रथ द्वितीया के दिन राजा पारा स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में विशेष पूजा अर्चना पश्चात गणमान्य अतिथियों तथा ब्राम्हणों की उपस्थिति में वैदिक मंत्रोच्चार व भजन कीर्तन के बीच भगवान श्री जगन्नाथ , उनके बड़े भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा को हरि बोल व जय जगन्नाथ के गूंज के बीच घंट शंख ध्वनि के साथ मंदिर के गर्भ गृह से निकालकर रथ पर आरूढ कराया गया। शाम करीब 6 बजे तीनों भगवान श्री को राजा विशाल बहादुर सिंह की अगुवाई में मंदिर के गर्भ गृह से निकाला गया। भगवान श्री के आगे-आगे राजा विशाल बहादुर छेरा पहरा देते हुए चल रहे थे और उनके पीछे भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा की प्रतिमा को लेकर गणमान्य नागरिक व अतिथिगणों ने राज महल प्रांगण में सुज्जजित रथ तक पहुंचाया जहां रथ की सात बार परिक्रमा पश्चात तीनों भगवान श्री को ससम्मान रथ पर विराजित किया गया। जिसके बाद भगवान श्री के दर्शन के साथ-साथ रथोत्सव देखने के लिये आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान के प्रसाद का भी वितरण किया गया। इस अवसर पर नन्हें मुन्ने कई बच्चों को भगवान का आर्शीवाद दिलाकर खड़ी छुआई गई। रायगढ़ की रथोत्सव परंपरा के अनुसार मंदिर के गर्भ गृह से निकलकर आम जन के दर्शन के लिये रथ पर आरूढ होनें वाले भगवान श्री को देखने के लिये जन सैलाब उमड पड़ा और हजारो भक्तों ने भगवान श्री के दर्शन कर उनका प्रसाद प्राप्त किया।
[su_pullquote]रायगढ़ की रथोत्सव परंपरा के अनुसार शहर में प्रमुख रूप से राज महल परिसर, सोनार पारा व चांदनी चौक से पिछले कई दशकों से रथ यात्रा निकाली जाती है। [/su_pullquote]
इसी परंपरा के अनुरूप आज चांदनी चौक तथा सोनार पारा में भी पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना पश्चात तीनों भगवान श्री को पूरी श्रद्धा के साथ रथ पर आरूढ कराया गया और उपस्थित भक्तजनों के बीच प्रसाद का वितरण भी किया गया। रथोत्सव को देखने के लिये राज महल परिसर से लेकर गांजा चौक क्षेत्र तक भारी संख्या में लोग भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा के दर्शन के लिये पहुंचे थे। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी इस आयोजन के लिये पहले से ही मेले का महौल निर्मित हो चुका था। जहां हजारों की संख्या में लोगों ने भगवान श्री के दर्शन करने के साथ-साथ रथोत्सव का आनंद भी उठाया। रथोत्सव के कार्यक्रम को सफल बनाने में जगन्नाथ मंदिर के पुजारी, राजपरिवार के सदस्य, श्री जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी व सदस्य तथा स्वस्फूर्त भगवान श्री की सेवा में पहुंचने वाले भगवान श्री के भक्तों का सराहनीय प्रयास रहा। राजमहल परिसर में रथोत्सव का आयोजन देर शाम तक चलता रहा। इसी तरह पूरी के रथ यात्रा की तर्ज पर शहर के बैकुण्ठपुर मोहल्ला स्थित राममंदिर व जगन्नाथ मंदिर सहित अन्य क्षेत्रों में भी रथ यात्रा की धूम रही। कल रविवार को रायगढ़ की परंपरा के अनुसार आषाढ़ तृतीया के दिन रामहल परिसर से भगवान श्री की रथयात्रा निकाली जाएगी जो चांदनी चौक , सोनार पारा, गांजा चौक , हटरी चौक थाना रोड़ होते हुए रामलीला मैदान तक जाएगी। शहर में प्रमुख रूप से तीन स्थानों से निकाली गई रथोत्सव को देखने के लिये इन क्षेत्रों में जन सैलाब उमड पड़ा और हजारों भक्तों ने भगवान श्री के दर्शन कर उनका विशेष प्रसाद ग्रहण किया। कल आषाढ़ शुक्ल तृतीया को रायगढ़ की परंपरा के अनुसार राज महल प्रांगण से रामलीला मैदान तक रथ यात्रा निकाली जाएगी।