[aps] विस्थापन नीति का पालन न करने पर जता रहे विरोध [/aps] रायगढ़ – जिले के विकासखण्ड पुसौर अंतर्गत लारा में प्रस्तावित एनटीपीसी के मेगा प्रोजेक्ट से प्रभावित होने वाले ग्रामीण कंपनी प्रबंधन द्वारा विस्थापन नीति की उपेक्षा से रूष्ट है क्षेत्र के लारा सहित आसपास के प्रभावित होनें वाले ग्रामीणों ने उद्योग प्रबंधन की लापरवाही के खिलाफ आगामी 3 जुलाई को उद्योग प्रबंधन की शव यात्रा निकालने की घोषणा की है। इस आशय का ज्ञापन क्षेत्र के भू-स्थापित तथा प्रभावित ग्रामीणों द्वारा एसडीएम रायगढ़ को भी सौंपा गया है।
अनुविभागीय अधिकारी रायगढ़ के नाम सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि जिला प्रशासन के अनुबंधित विस्थापित नीति की अनदेखी एनटीपीसी लारा योजना के उद्योग प्रबंधन द्वारा लंबे समय से की जा रही है। जिसके कारण ग्रामीण प्रभावित हो रहें है। इस अनदेखी से रूष्ट ग्रामीणों द्वारा आगामी 3 जुलाई को सुबह छपोरा बाजार से उद्योग प्रबंधन की शव यात्रा निकालकर एनटीपीसी लिमिटेड के देवलसुर्रा कार्यालय तक रैली निकाली जाएगी तथा कार्यालय के सामने प्रदर्शन के बाद प्रबंधन का अंतिम संस्कार करने के बाद ब्रम्हभोज भी कराया जाएगा। इस शव यात्रा में पैरा कपड़ा व लकड़ी से बने शव का उपयोग करने की जानकारी दी गई है। कंपनी के मेगा प्रोजेक्ट से प्रभावित होने वाले भू-स्थापितों, भूमिहीनो और लारा परियोजना क्षेत्र के नागरिकों ने क्षेत्र के ग्रामीणों से इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थिति देकर कंपनी प्रबंधन के खिलाफ मुखर विरोध दर्ज कराने का आव्हान किया है। उल्लेखनीय है कि क्षेत्र के ग्रामीण विस्थापन और मुआवजे की मांग को लेकर पिछले एक वर्ष से कंपनी प्रबंधन के खिलाफ संघर्ष करते आ रहें है और क्षेत्र के प्रभावित ग्रामीणों का आरोप है कि एनटीपीसी लारा प्रोजेक्ट नाम मात्र को शासकीय उपक्रम बनकर रह गया है। जहां काम करने वाले अधिकारी कर्मचारी और ठेकेदार प्रभावित ग्रामीणों से प्रायवेट कंपनी से भी बदतर व्यवहार कर रहें है और अपना रूतबा दिखाकर भू-स्थापितों, भूमिहीनों और प्रभावितों के साथ लगातार अन्याय करते आ रहें है, जबकि ग्रामीणों के मांग के अनुरूप विस्थापन नीति का पालन करना कंपनी प्रबंधन का दायित्व है तथा इसके पालन करने की जिम्मेदारी भी जिला प्रशासन की है। मगर समझौते के बावजूद जिला प्रशासन का मौन और कंपनी प्रबंधन की अनदेखी समझ से परे है।