इंटरवल के बाद अँधेरे में अपनी सीट की ओर लौटती महिला ने कोने वाली सीट पर बैठे व्यक्ति से पुछा,
” भाई साहब, क्या बाहर जाते समय मैंने गलती से आपका पैर कुचल दिया था?”
दर्शक (गुस्से में) – “हाँ, कुचला था।अब क्या माफ़ी मांग रही हैं?”
महिला – “माफ़ी वाफी नहीं भैया, इसका मतलब मेरी सीट इसी लाइन में है।”
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- लेकिन जेटली साहब ने इस से सबक लिया
- नमक कम लगे तो और मिला लेना
- और करो लड़कियों पर भरोसा
- ये भी सही नही है चलो मोहल्ले वाले किस नाम से बुलाते हैं
- तूम पागल हो क्या या… मैं शादी शुदा हूँ