[aps] जशपुर व बलरमपुर में निजामी के नेतृत्व में पहली दफे बनी संगठनात्मक ढांचा, हुआ उत्साह का संचार [/aps] रायगढ़ – छ.ग. श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ जिला शाख रायगढ़ के संरक्षक गनपत चैहान अपने निजी वाहन क्र.नं. ब्ळ 13 न्म् 0497 लेकर प्रदेषाध्यक्ष बी.डी. निजामी और आगंतुक अतिथियों को जिलाध्यक्ष अनिल आहुजा (बिलासपुर संभाग प्रभारी) व अन्य साथियों को लेकर गत तेरह मई को रायगढ़ से जषपुर के लिए रवाना हुए धरमजयगढ़ में सजल मधु के नेतृत्व में सर्वप्रथम प्रदेषाध्यक्ष के काफिले को रोककर स्थानिय विश्राम गृह में माध्यअर्पण कर स्वागत किया गया जहां दो दर्जन संवाददाताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। जिसे उल्लेखनीय कहा जा सकता हेै।
[ aps]पत्थलगांव से होते हुए जब संध्या जषपुर पहुंचे वहां की अकेली जुझारू प्रवृत्ति की महिला संवाददाता श्रीमती सुनिता गुप्ता विश्राम गृह में निजामी और साथ में पहुंचे अन्य पदाधिकारीयों का आत्मीय अभिवादन करते हुए यथायोग्य सम्मान किया। [/aps] पहले भी जषपुर में स्थानिय संवाददाताओं को जोड़ने का असफल प्रयास किया गया. पर वस्तुतः निजामी जी के नेतृत्व में विधित पहली दफे छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ का सदस्यता फार्म भरकर सर्वसम्मति से निर्णय लेकर जिला स्तरीय संगठनात्मक ढांचा बनाया गया जो कि, हर्ष का विषय है।
चैदह मई को अपन्हान 11 बजे जषपुर से बलरामपुर के लिए भिलाई दुर्ग, गीदम, कोटा, बिलासपुर, रायगढ़ के पदाधिकारीयों को लेकर निजामी जी के नेतृत्व में बलरामपुर के लिए रवाना हुए. किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि, दो गाडि़यों से रेंग कर चलने वाली वाहन की दिषा किस ओर जा रही हैं।
[aph] आगे पिछे चल रही गाडि़यों में काफी अंतराल होता था [/aph] मनोरा, सन्ना, कुसमी, सामरी, चांदो से चल कर बलरामपुर जाने के रास्ते में राहगीरों से अनेकों दफे पूछताछ करते हुए चलना पड़ रहा था एक राहगीर सायकल सवार ने बड़े ही सरल व सहज ढंग से बलरामपुर के रास्ते का जिक्र करते हुए बतलाया कि, इस रास्ते से जाने पर घाट अधिक मिलेंगे पर दूरी कम है और उधर के रास्ते से दूरियां अधिक है पर रास्ते अच्छे हैं। पता नहीं क्यों घाट पर ही तत्क्षण कार के पहिए चलने लगी रास्ता वर्षों से बंद पड़ी हुई दिखलाई दी एक शख्स से पूछने पर ज्ञात हुआ कि, आगे से रास्ता और भी ज्यादा खराब होगा। पर बलरामपुर का रास्ता इसी पहाड़ी की तलहटी से होकर ही जायेगा, प्रदेषाध्यक्ष बी.डी निजामी प्रदेष कार्यकारी अध्यक्ष देवदत्त तिवारी, प्रदेष उपाध्यक्ष आर.डी.गुप्ता, प्रदेष संगठन मंत्री राषिद जमाल सिद्वकी, प्रदेष कोषाध्यक्ष सुबोध तिवारी, बिलासपुर संभाग प्रभारी अनिल आहुजा, (जिलाध्यक्ष रायगढ़) रायगढ़ जिला महामंत्री प्रकाष थवाईत, कोषाध्यक्ष राजेष तलरेजा की पूरी टीम दो भागों में विभक्त होकर आगे पिछे चल रही थी।
[aps] जब पहाड़ की चोटी पर असंख्य अंधे मोड़ों की वेैतरनी को पार करते हुए खतरनाक व दुर्गम पहाडि़यों के घने जंगलो से होकर गुजर रहे थे तब अनेकों संदिग्ध ग्रामीणों को देख सहसा एहसास तो जरूर हुआ कि, यह घोर नक्सली कारिडोर है। [/aps] एक नदी पर पत्थरों के ओट में लाल झंडा लहराते हुए स्नान कर रहे कुछ ग्रामीण पुरूषों व महिलाओं को देखा गया. उसी स्थान पर एक महिला और तीन लोग जाते हुए दिखे जिसमें एक नवयुवक के हाथों माबाईल भी देखी गई दर्जनों घाटियों अंधे मोड़ व पहाड़ी के निचे देखने पर दोनों किनारों पर गहरी खाईयां, यह दृष्य देखकर संवाददाताओं को अत्यंत ही रोमांचक लगी, दो- तीन ढलान ऐसे थे जहां से वाहन को सरल व सहज रूप से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता था कछुए की चाल से चलाया जाता रहा. एक स्थान पर रास्ता ही कटी-फटी हुई थी बड़ी मुष्किल से उस रास्ते आगे बढ़ी कारवा।
एक बाइक में दो पुरूष एक महिला और दो नन्हें बच्चे सवारी करते देखे गए उनसे बलरामपुर का रास्ता पूछने पर बतलाते हुए कहते हैं चांदो होते हुए चली जायेगी यह रास्ता बलरामपुर को।
निजामी जी के टीम में गीदम के राषिद जमाल सिद्वकी ने हौसला अफजाई करते हुए कहा कि हमारे क्षेत्र में हमने नक्सलियों के मांद में अनेकों दफे घुसपेठ किया है और उनका साक्षात्कार भी लिया है। इस बीच निजामी जी निरंतर मोबाईल में व्यस्त दिखे पर नेटवर्क नहीं होने से पीछे राजेष तलरेजा की गाड़ी में बैठे पदाधिकारीयों से सम्पर्क टूट चुका था. पहाड़ी के दोनों ओर मनमोहक दृष्य देखी गई खाइयां भी मनोरम लगने लगी थी घाट मोड़ और दुर्गम रास्ते बड़ी लम्बी लगने लगी सामान्य गति भी नहीं चल पा रही थीं कांटो सी 8 की नई गाड़ी ने साथ दिया और हम सभी एक पक्के रास्ते को पा लिए जब थक हार कर छोटे से होटल में पहुंचे तब पूर्व से ही चाय पानी के लिए पहुंचे तीन युवाओं ने हमारी बातों को सुनकर तत्क्षण बोल उठे कि आप लोग गलत रास्ते से आ रहे हैं यह दुर्गम पहाड़ी नक्षलियों का कारिडोर है सड़क बनाने पहुंचे एक ठेकेदार की दर्जनों गाडि़यों आग के हवाले कर चुके हैं। दूसरे ठेकेदार ने भी सड़क बनाने का ठेका लिया वह भी सड़क का कार्य शुभारंभ भी नहीं कर पाया. आठ वर्षों से उस रास्ते पर कोई भी आवाजाही नहीं कर पा रहा है जिसमें से आप लोग चलकर अभी आये हैं। उनके इस बात को सुनकर सभी लेग सन्न रह गए! इसलिए कहा जा सकता है कि, निजामी जी का यह संगठनात्मक दौरा खतरनाक व अविष्वसनीय हे. जिसे उनके साथ चल रहे संवाददाता पदाधिकारीगण जीवन पर्यन्त भुला नहीं पायेंगे रोमांचक यात्रा का सुखद अंत बलरमपुर में इतिहस में पहली दफे संगठनात्मक ढांचा बनाकर हुआ। इस तरह निजामी जी का दो दिनी दौरा के दौरान जषपुर ओैर बलामपुर छ.ग. श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ का झंडा लहराने में हम कामयाब हुए।