[aps] जमीन नामांतरण व प्रमाणीकरण के लिए एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ाए पुसौर तहसीलदार आरएस लाल को एसीबी की टीम ने शनिवार को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ममता शुक्ला के कोर्ट में पेश किया गया। जहां उन्हें 15 दिनों के जूडिशियल रिमांड पर जिला जेल भेज दिया गया। अब एसीबी की टीम 5 जून को दोबारा न्यायालय में पेश करेगी। [/aps] रायगढ : गौरतलब हो कि शुक्रवार की सुबह एंटी क्ररप्शन ब्यूरो बिलासपुर की टीम ने पुसौर तहसीलदार आरएस लाल को जमीन नामांतरण व प्रमाणीकरण के लिए एक किसान से चक्रधर नगर पीडब्ल्यूडी कॉलोनी स्थित शासकीय मकान में एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। शनिवार को विशेष न्यायालय में पेश किया जाना था। लेकिन विशेष न्यायालय के जज बाहर रहने की वजह से द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ममता शुक्ला के कोर्ट में सुबह साढ़े 11 बजे पेश किया गया। एसीबी की ओर से पुख्ता सबूत न्यायालय में पेश किए गए। जिसमें केमिकल लगे नोट और जमीन नामांतरण व प्रमाणीकरण के लिए डील हुए बातचीत का मोबाइल रिकार्डिंग भी पेश किया गया। जहां दोपहर साढ़े 3 बजे द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने तहसीलदार को 15 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जिला जेल भेज दिया। कोर्ट में रिश्वतखोर तहसीलदार से मिलने के लिए उनके शुभचिंतकों का तांता लगा रहा। इसमें कुछ कथित भू माफिया भी शामिल थे।
[aph] बेटे की लगवाई एनटीपीसी में नौकरी [/aph] तहसीलदार आरएस लाल के करीबियों से मिली जानकारी के अनुसार करीब डेढ़ से दो महीने पहले ही उन्होंने अपने बेटे राजेश कुमार लाल की नौकरी पुसौर के लारा में निर्माणाधीन एनटीपीसी कंपनी में नौकरी लगवाया था। जबकि यह कंपनी अब तक प्रभावित किसानों को ही नौकरी नहीं दिया है। वह कंपनी तहसीलदार के बेटे को किस आधार व किन डिग्रियों को देख कर दी थी। इस पर भी सवाल खड़ा हो रहा हैं। सूत्रों की माने तो आरएस लाल शासकीय व तहसीलदार के पद पर पदस्थ होने की वजह से दबाव पूर्वक कंपनी ने उनके बेटे को नौकरी पर रखा था।
[aph] अगले महीने है बेटी की शादी [/aph] मूलत: बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले तहसीलदार आरएस लाल के घर में शादी कार्यक्रम है। शादी किसी और का नहीं, बल्कि उनकी बेटी का है। तहसीलदार के नजदीकियों ने बताया कि रिश्ता तय होने के साथ साथ लगभग शादी का कार्ड भी छप चुका है। एसीबी की टीम ने तहसीलदार के घर जांच के दौरान एक लाख रिश्वत के अलावा 50 हजार रुपए रकम भी जब्त किया था। इस रकम को तहसीलदार ने खुद की सैलेरी के होने का दावा किया है।