प्रबंधन को नहीं है प्रशासन का भय
जहरीले पानी के प्रभाव से जीव जंतुओं के जीवन को बढ़ा खतरा
[aph] खरसिया : [/aph] लगातार नए नए कारनामो के कारण चर्चा में रहने वाले मोनेट प्रबंधन की मुश्किलें फिर बढ़ती नजर आ रही है, इस बार मामला मोंनेट से निकलने वाले विषैले पानी को मुख्य मार्ग से बहाते हुए मांड नदी में प्रवाहित किये जाने के कारण जहाँ पानी में रहने वाले जीव जन्तुओ सहित आम निस्तारी करने वाले बेजुबान जानवरों एवं ग्रामीणों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
[su_pullquote]उक्त जहरीले पानी से जहाँ नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है वहीँ इसके प्रभाव से ग्रामीणों को संक्रामक बीमारी का खतरा बढ़ गया है। पुरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुरे देश में स्वच्छता अभियान चला रहे हैं, वही मोनेट प्रबंधन के द्वारा लगातार फ्लाई ऐश एवं गंदे पानी को खुले में निपटारा कर लगातार प्रदुषण को बढ़ावा देने में लगा है।[/su_pullquote] मजेदार बात यह है की इस सम्बन्ध में जिला पर्यावरण अधिकारी सहित स्थानीय अधिकारीयों का भी ध्यानाकर्षण होने के बावजूद इसके निराकरण के प्रति गंभीर नहीं है। जिससे उद्योग प्रबंधन ले हौसले बुलंद है। मोंनेट इस्पात से निकलने वाला विसैला पानी वत्स रेस्टोरेंट के पीछे नहरपालि रक्सापाली पहुँच मार्ग में मुख्य सड़क पर बहाया जा रहा है, जिस पर होकर प्रतिदिन रक्सापाली, लोढाझर, मुरा, भूपदेवपुर सहित दर्जनों गांव के ग्रामीण आना जाना करते हैं। सड़क में बह रहे गंदे पानी के कारण पैदल एवं दो पहिया वाहन में आना जाना करने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पङ रहा है।
[box type=”shadow” align=”” class=”” width=””] प्राप्त जानकारी अनुसार मान्ड नदी में छोड़े जा रहे गंदे पानी के कारण जहाँ किसानो की फसल बर्बाद हो रही है वही पक्की सड़क भी टूट गई है। साथ ही दर्जनों गांव के ग्रामीणो को निस्तारी के दौरान अनेक संक्रामक बीमारी होने की संभावना है।[/box]