जांच के बाद हुआ एफआईआर
मजिस्ट्रेट के सामने पीडि़ता के बयान के बाद होगी गिरफ्तारी
रायगढ़। खरसिया एसडीएम के पद पर रहने के दौरान अपने घर पर काम करने के लिये आने वाली नौकरानी से कथित छेड़छाड़ के मामले में कलेक्टर द्वारा गठित जांच टीम की अनुशंसा पर आखिरकार इस मामले के आरोपी रहे ए.के.धृतलहरे के खिलाफ खरिसया चौकी में छेड़छाड़ का जुर्म पंजीबद्ध कर लिया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी प्रशानिक अधिकारी रहें है इसलिये इस मामले में अदालत में मजिस्ट्रेट के सामने पीडि़त लड़की के बयान के बाद ही पुलिस गिरफ्तारी की कार्रवाई कर सकती है।
उल्लेखनीय है कि खरसिया एसडीएम ए.के.धृतलहरे के खिलाफ पिछले दिनों एक नाबालिग किशोरी ने छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक से लिखित शिकायत करके कार्रवाई की मांग की थी उसका पीडि़ता का आरोप था कि उक्त अधिकारी के यहां वह काम करती थी और इसी दौरान अधिकारी की पत्नी की अनुपस्थिति में अधिकारी के द्वारा उससे अश्लील हरकत तथा छेड़छाड़ की जाती थी और इसकी शिकायत करने की भनक लगने पर उक्त अधिकारी के द्वारा उसे चोरी के झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक तथा प्रभारी कलेक्टर से मामले की शिकायत होनें पर प्रभारी कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने इस मामले में निष्पक्षता से कार्रवाई करते हुए अधिकारी के प्रभाव क्षेत्र का कम करने उन्हें तत्काल प्रभाव से न केवल एसडीएम के पद से हटा दिया था बल्कि इस मामले की पूरी जांच के लिये पांच सदस्यीय टीम का भी गठन किया था। जिसमें डिप्टी कलेक्टर प्रियंका महोबिया सहित चार अधिकारी नामित किये गये थे और उनके द्वारा पिछले दिनों संबंधित लोगों से बयान भी लिये गये थे। ऐसी जानकारी मिली है कि बयान के आधार पर संबंधित अधिकारी द्वारा छेड़छाड़ की पुष्टि होनें पर समिति की अनुशंसा के बाद खरसिया चौकी में श्री धृतलहरे के खिलाफ धारा 354 के तहत जुर्म पंजीबद्ध कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार ऐसे मामलों में प्रशासनिक अधिकारी की गिरफ्तारी तभी हो सकती है जब मजिस्ट्रेट के सामने पीडि़त पक्ष का बयान दर्ज हो और कोर्ट से ही गिरफ्तारी का आदेश जारी हो। फिलहाल पुलिस ने मामले को जांच में ले लिया है।