[aph] रायगढ़ : [/aph] श्रीमद भागवत कथा के द्वितीय दिवस में पंडित तीरथ राम शास्त्री ने अपने मुखारबंद से मनु कन्याओं के बारे में बहुत ही सुंदर वर्णन करते हुए कहा कि धर्म अर्थ काम मोक्ष प्रसंग के साथ ही आगे अनुसूइया चरित्र में पतिव्रता नारियों की महिमा के बारे में बताते हुए दक्ष प्रज्ञापति का भगवान शिव के साथ विरोध एवं माता सती का चरित-चित्रण के बारे में विस्तार से वर्णन करते हुए धु्रव के बारे में बताया। ईश्वर प्राप्ति की विधि का निरूपण महराज पृथु के जन्म चरित्र का चित्रण करते हुए प्रजाओं के कल्याण के लिए माता पृथिव दोहन किया। ऋषियों ने वेदरूपी देवताओं, अमृत रूपी दुध, दैत्यों ने मदिरा का, गन्धर्वो ने संगीत माधुर्य सौंदर्य का, पितरो ने कव्यो का, पशु-पक्षी आदि जीवों अपनी अभिष्ट वस्तुओं का दोहन किया तथा महाराज पृथु ने अपने किस प्रकार भूमि समतल बनाया और प्रजाओं को बसाया के बारे में विस्तार से बताया। श्रीमद भागवत कथा गत 18 जुलाई से धांगरडीपा प्रारंभ में हुआ है जो 25 जुलाई तक दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा।