[pullquote-left] डिपो होल्डर एवं मितानिन के पास जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध [/pullquote-left]
रायगढ़, 1 अप्रैल 2015/ गर्मी के मौसम को देखते हुए जिले में संक्रामक बीमारियों जैसे उल्टी, दस्त, हैजा, पीलिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा वृहद कार्ययोजना तैयार कर उस पर प्रभावी ढंग से अमल शुरू कर दिया गया है। संक्रामक बीमारियों के बारे में त्वरित गति से सूचनाओं का आदान-प्रदान एवं एहतियाती उपाय के लिए सूचना तंत्र को मजबूत किया गया है। संक्रामक बीमारियों पर तत्परता से नियंत्रण के लिए 10 काम्बेट टीमें गठित की गई है। इसके अलावा जिला स्तर पर एक रैपिड रेस्पांस टीम भी बनाई गई है।
रायगढ़ जिले के प्रत्येक गांवों, मजरे एवं टोलों में डिपो होल्डर बनाए गए है। जिले में कुल 1975 डिपो होल्डर तथा 3827 मितानिनों के पास पर्याप्त मात्रा में ब्लीचिंग पाउडर, क्लोरीन टेबलेट, ओआरएस पैकेट के साथ ही उल्टी-दस्त, बुखार एवं मलेरिया पर नियंत्रण के लिए जीवन रक्षक दवाएं भी उपलब्ध कराई गई है। डिपो होल्डर एवं मितानिनों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग निरंतर जन स्वास्थ्य पर निगरानी रख रहा है। जिले में 53 ओआरटी कार्नर भी स्थापित किए गए है। रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकास खण्ड अंतर्गत पहुंच विहीन ग्राम कंचिरा, पारमेर एवं कुमा तथा लैलूंगा विकास खण्ड के पहुंच विहीन ग्राम तोलमा में आवश्यक दवाओं का पर्याप्त भंडारण किया गया है। संक्रामक बीमारियों से प्रभावित होने वाले संवेदनशील गांवों को भी चिन्हित कर वहां स्वास्थ्य कार्यकर्ता के माध्यम से नियमित रूप से निगरानी रखी जा रही है। उल्टी एवं दस्त के बचाव के संबंध में जन-जागरूकता का अभियान भी संचालित किया जा रहा है और लोगों से शुद्ध जल तथा ताजे भोजन के सेवन की अपील भी की जा रही है।