[aph] रायगढ़ : [/aph] कलेक्टर श्रीमती अलरमेल मंगई डी की अध्यक्षता में आज सुबह जिला चिकित्सालय के टेलीमेडिसीन कक्ष में आयोजित बैठक में नेफ्रो, न्यूरो एवं कार्डियो के मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों के माध्यम से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए जाने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने सिविल सर्जन डॉ.वाय.के.शिन्दे एवं रेडक्रास के प्रबंधक मुकेश शर्मा को जिला चिकित्सालय में ईलाज के लिए आने वाले उक्त रोगों के मरीजों के ईलाज के लिए रायपुर से विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि महीने में एक दिन रायपुर से नेफ्रोलाजिस्ट तथा महीने में दो दिन कार्डियोलाजिस्ट एवं न्यूरोलाजिस्ट को बुलाकर यहां ईलाज के लिए आने वाले मरीजों का परीक्षण एवं उपचार की व्यवस्था की जाएगी। कलेक्टर ने सिविल सर्जन को उक्त तीनों रोगों के विशेषज्ञों एवं मरीजों के लिए जिला चिकित्सालय में पृथक से कक्ष चिन्हांकित करने एवं वहां उपयुक्त व्यवस्था के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने बैठक में जिला चिकित्सालय में पंजीयन से लेकर चिकित्सकों के प्रिसक्रिप्सन, मेडिसीन प्रदाय कक्ष, एक्सरे, पैथालॉजी, सिटी स्केन आदि की व्यवस्था को कम्प्यूटराईज्ड करने के निर्देश दिए। उन्होंने सिविल सर्जन को इसके लिए बिलासपुर चिकित्सालय से आवश्यक मार्गदर्शन एवं एक्सपर्ट की सेवाएं लेने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने जिला चिकित्सालय के समस्त कारिडोर की साफ-सफाई के लिए पृथक से पांच सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगाए जाने के निर्देश दिए। बैठक में जिला चिकित्सालय में आवश्यकतानुसार चिकित्सकीय उपकरण एवं बेबीवार्मर की आवश्यकता को देखते हुए उन्होंने संचालक स्वास्थ्य शिक्षा श्री प्रसन्ना से मोबाईल पर चर्चा की। कलेक्टर ने बताया कि शासन द्वारा जिला चिकित्सालय के रंग-रोगन एवं अन्य आवश्यक मरम्मत के कार्यों के लिए 25 लाख रुपए प्रदाय किए जा रहे है। चिकित्सकीय उपकरण एवं बेबीवार्मर की यथाशीघ्र आपूर्ति संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है। बैठक में मेंटल यूनिट के फं क्शन के बारे में भी चर्चा की गई।
बैठक में रेडक्रास के प्रबंधक मुकेश शर्मा ने बताया कि मेडिकल कालेज के डीन द्वारा निजी चिकित्सालयों के मरीजों को जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक से ब्लड दिए जाने पर रोक लगा दी गई है। इससे मरीजों एवं उनके परिजनों को ब्लड के लिए भटकना पड़ रहा है। ब्लड दिए जाने की व्यवस्था इतनी जटिल हो गई है कि समय पर मरीजों को ब्लड नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में कलेक्टर श्रीमती मंगई डी ने सिविल सर्जन डॉ. शिन्दे एवं मेडिकल कालेज के चिकित्सकों से पूछताछ की। उन्होंने कहा कि ब्लड की जरूरत मरीजों को आपात स्थिति में पड़ती है। ऐसी स्थिति में ब्लड देने के लिए मेडिकल कालेज के डीन एवं निजी नर्सिंग होम के संचालक के मध्य पत्र व्यवहार में अनावश्यक विलंब होगा। उन्होंने इस व्यवस्था को सरल करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने बैठक में मेडिकल कालेज के डीन की अनुपस्थिति तथा प्रतिनिधि चिकित्सक द्वारा संतोषप्रद जवाब न दिए जाने पर नाराजगी जताई। कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मरीजों का समय पर ईलाज हो उन्हें दवाओं आदि के लिए भटकना न पड़े, यह सुनिश्चित होना चाहिए। कलेक्टर ने कहा कि मेडिकल कालेज के अधीन जिला चिकित्सालय की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए डीन को प्रतिदिन जिला चिकित्सालय आकर यहां की व्यवस्था देखनी चाहिए।