[aps] साउथ बिहार एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में ४ कार्टून लावारिस हालत में पाया गया। जिसकी शिकायत ट्रेन में मौजूद यात्रियों ने जीआरपी को दी। जीआरपी ने तत्काल बोगी में रखे उक्त सामान के बारे में अन्य यात्रियों से पूछताछ की। पर किसी ने उस पर मालिकाना हक नहीं जताया। ऐसे में, जीआरपी ने उक्त कार्टून को उतार थाने लग आई। वहीं कार्टून पर दिए गए नंबर व पतेे पर उसके मालिक की पतासाजी कर रही है। [/aps] दुर्ग से राजनेंद्र नगर टर्मिनल जाने वाले डाउन साउथ बिहार एक्सप्रेस मेंं उस समय सनसनी फैल गई। जब एसी कोच के सटे स्लीपर कोच में ४ कार्टून लावारिस हालात में पड़े हुए थे। किसी अनहोनी को लेकर स्थानीय यात्रियों ने इस बात की जानकारी टीटीई को दी। टीटीई ने कंट्रोल को मैसेज को दी। जो स्थानीय जीआरपी तक पहुंचा। जीआरपी के अधिकारी व जवान पहले से उक्त सामान की जांच करने के लिए तय कोच के सामने मौजूद थे। ट्रेन के आते ही जीआरपी नेे उक्त सामान को बरामद कर उसके बारे में कोच में मौजूद यात्रियों से पूछताछ की। पर किसी ने उक्त सामान पर अपना हक नहीं जताया। ऐसे में, जीआरपी ने लावारिस हालत में पड़े कार्टून को उठा कर थाने लग आई।
[aph] उक्त कार्टून मेंं इंजीनियरिं के कागजात व अन्य सामान पाए गए है [/aph] ऐसे में, जीआरपी कार्टून के उपर लिखे कंपनी का लैंड लाइन नंबर व पते की खोजबीन में जुट गई है। जानकारों की माने तो यह मामला बगैर बुकिंग के सामान की ढुलाई का है। जो पेंट्री कार के मैनेजर व एसी के कोच अटेंडेंट द्वारा अंजाम दिया जाता है। जिसमें रेलवे के पार्सल विभाग को राजस्व मेंं नुकसान होता है। जबकि उक्त लोग उपर- उपर ही अपनी जेब गर्म कर लेते हैं।
रेल पखवाड़ा के दौरान यात्रियों को जागरूक करने का टिप्स दिया जा रहा है। ऐसे में, अपने आसपास लावारिस वस्तु को देख यात्रियों ने सर्तकता बरतते हुए तत्काल इाकी जानकारी रेलवे के जिम्मेदार लोगों तक पहुंचाई। जिसके बाद उक्त लावारिस सामान रायगढ़ में उतारा गया।
[su_highlight background=”#35404F” color=”#efefef”]जाना था भिलाई[/su_highlight]
चारों कार्टून रांची स्थित कंपनी से भिलाई के नंदेली रोड स्थित विश्वा विशाल इंजीनियरिंग प्रा. लिमेटेड को भेजा गया है। पर उक्त सामान को भिलाई जाना था तो उसे बिलासपुर, रायगढ़ के रास्ते झारसुगुडा, राउरकेला टाटा की ओर क्यों भेजा जा रहा है। यह सवाल जीआरपी के लिए भी पहेली बनी हुई है।