[su_pullquote]रायगढ़ : शहर में दो थानों के बीच सात डकैतों ने सीए बालकृष्ण केडिया के घर में रात भर कोहराम मचाया। कट्टे और चाकू की नोक पर पूरे परिवार के सदस्यों को पहले रस्सी से बांधा फिर उन्हें अलग-अलग कमरों में बंद कर दिया और इतमिनान से डकैती की घटना को अंजाम दिया। पुलिस की मानें तो डकैत यहां से १५ लाख रुपए की नकद और ज्वेलरी ले गए हैं। जबकि केडिया परिवार रात भर दहसत के आगोश में रहने के बाद कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं हैं।[/su_pullquote]
[aph] डेढ़ बजे रात में डकैतों ने बोला धावा [/aph] मंगलवार की रात डेढ़ बजे सात डकैतों ने कोतरारोड में रामबाग के बाजू वाली गली में स्थित बालकृष्ण केडिया के मकान को अपना निशाना बनाया। डकैतों ने बाहर से ही खिड़की ग्रिल मेें लगे सभी स्कू्र को आसानी से खोला और घर के अंदर प्रवेश कर गये। इस बीच घर के किसी भी सदस्य को उनकी आहट नहीं मिली। सातों डकैत जब घर के अंदर घुस गये तो उन्होंने बालकृष्ण केडिया को जगाया। कट्टे की नोक पर उन्हें रस्सी से बांधा फिर दूसरे कमरे में सो रहे परिवार के अन्य सदस्यों को उन्हीं से जगाने के लिए कहा। जब सभी सदस्य जाग गये तो कट्टा और चाकू दिखाकर उन्हें भी रस्सी से बांधा गया। तिजोरियों की चाबी ली गयी और घर में रखे जेवरात और नकदी के बारे में पूछा। वो एक-एक कर सभी रैक और आलमारियों की तलाशी लेते रहे। जो नकद और जेवरात मिले उन्हें समेटते गये। लगभग ४ घंटे तक उन्होंने पूरे परिवार को दहसत के साये में रहने को मजबूर कर दिया। फिर यह कहकर वो बाहर निकल गये कि किसी ने होशियारी की तो उनका एक आदमी घर के बाहर पहरा दे रहा है। ऐसे में किसी को भी जिंदा नहीं छोड़ा जायेगा।
[aph] केडिया परिवार के लिए वो जालिम रात थी [/aph] मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात केडिया परिवार के लिए वो जालिम रात थी जिसकी कल्पना उन्होंने सपने में भी नहीं की थी। जब डकैतों को अपने सामने उन्होंने देखा तो जैसे पैर के नीचे से जमीन ही खिसक गयी। किसी अनहोनी की आशंका में परिवार के मुखिया बालकृष्ण ने तिजोरियों की चाबी डकैतों के हवाले कर दिया। डकैत उनके यहां से क्या ले जायेंगे। इस बात की चिंता छोड़ उन्हें इस बात का भय सता रहा था कि किसी सदस्य के साथ कोई अनहोनी न हो जाय। चार घंटे तक चली इस डकैती का एक-एक पल काटना पूरे परिवार के लिए पहाड़ से भी ज्यादा कठिन लग रहा था। डकैती के दौरान घर में कुल आठ सदस्य थे। आठ में से दो सदस्य पुरूष थे और तीन बच्चे थे जबकि ३ महिलायें थीं। बालकृष्ण केडिया उनकी पत्नी अमिता केडिया, उनकी माता मणीदेवी, बहन मीनू, बालकृष्ण का बेटा आदर्श, बेटी गुडिय़ा और बालकृष्ण की बहन के २ बच्चे घर में मौजूद थे। इन सभी ने दहसत भरी रात का एक-एक पल खून के घूंट पीकर काटे हैं।
[aph] कैसे मिली घटना की जानकारी [/aph] डकैत अपने साथ घर के सभी मोबाइल साथ ले गये थे। सभी सदस्यों को रस्सी से बांध दिये थे। उनके मुंह में भी कपड़ा बांध दिया गया था। डकैतों के जाने के काफी देर बाद मीनू के मुंह का कपड़ा लगातार प्रयास के बाद निकल गया। उसने अपने मां की रस्सी खोली और इस प्रकार सभी एक दूसरे की रस्सी खोलकर हिम्मत जुटाते हुए घर के बाहर निकले। तब तक डकैत वहां से निकल चुके थे। डकैती की जानकारी मोहल्ले वालों को हुई और कुछ पल में ही यह बात आग की तरह पूरे शहर में फैल गयी।
[aph] बुलाया गया डाग स्क्वायड [/aph] पुलिस ने डकैतों का सुराग लगाने के लिए जांजगीर से डॉग स्क्वायड को बुलाया। यह डाग टीआई रैंक का है। इसने अपनी बुद्धि और क्षमता के अनुसार डकैतों का सुराग ढूढऩे की कोशिश की। मकान के पीछे रेलवे ट्रैक पर भी कुछ दूर तक गया। बाद में वह रास्ता भटक गया।
[aph] क्या ट्रेन से भागे डकैत? [/aph] पुलिस इस बात पर आशंका जता रही है कि डकैत रेलवे ट्रैक होकर स्टेशन पहुंचे और वहां से उन्होंने ट्रेन पकड़ ली। इस आशंका के आधार पर रेलवे स्टेशन के फूटेज भी खंगाले जा रहे हैं। डकैतों तक पहुंचने के लिए कई टीमों को लगाया गया है।
[aph] गली से गुजरते हुए डकैतों के सीसीटीवी फुटेज [/aph] [su_youtube_advanced url=”https://youtu.be/zWtnO8F6Ufc” width=”400″ height=”200″]