[aps] अपनी लिमिट क्रास मत करो, ज्यादा स्मार्ट बनने की जरूरत नहीं, जितना स्मार्ट बनने की कोशिश कर रहे हो उतना काम में बनते तो शहर आज कहां से कहां होता, ऐसा मत समझना कि तुम्हारे कार्याे पर किसी की नजर नहीं है। मेरी हर तरफ नजर है। उक्त बातें शुक्रवार की दोपहर कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में निगम समीक्षा बैठक ले रही कलेक्टर अलरमेल मंगई डी ने निगम के अधिकारियों पर भड़कते हुए कही [/aps] रायगढ़ : इस दौरान आयुक्त प्रमोद शुक्ला, ईई दिनेश शर्मा और निगम के प्रतुल श्रीवास्तव शर्म से पानी पानी हो गए। कलेक्टर ने पिछले दो तीन सालों से नाली निर्माण, सड़क निर्माण का काम अधूरा होने पर नाराजगी जाहिर की। छह माह के काम को पूरा करने में दो साल लगाने वाले आयुुक्त प्रमोद शुक्ला, ईई डीके शर्मा और इंजीनियरों पर भड़कते हुए उन्होंने कहा कि सरकार से तनख्वाह ले रहे हो तो सरकार की योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाओं से आम पब्लिक के लिए काम करने की नसीहत दी गई। आगे उन्होंने कहा कि चमचमाती सड़क नहीं बना सकते तो कम से चलने लायक सड़क बना दो, जिस तरह से काम दिखाई देता है इससे बिल्कुल भी तुम लोगों में संवेदनशीलता नहीं है। बिजली, पानी, नाली, सड़क और खास कर स्लम एरिया में लगातार गर्मी में पानी टैंकर पहुंचाने की हिदायत दी गई है। उन्होंने स्पष्ट रूप से चेताया है।
[aph] आयुक्त को फटकार [/aph] पिछले दिनों प्रदेश के पीडब्ल्यूडी और परिवहन मंत्री राजेश मूणत रायगढ़ प्रवास पर थे। इस दौरान कलेक्टोरेट के सृजन कक्ष में प्रशासनिक अधिकारियों की समीक्षा बैठक थी। इसमें निगम आयुक्त प्रमोद शुक्ला अनुपस्थित थे। वहीं गुरूवार को कलेक्टोरेट में निगम की समीक्षा बैठक रखी गई थी। लेकिन यहां भी बिना किसी सूचना के आए आयुक्त नदारद थे। जिसकी वजह से समीक्षा बैठक नहीं हुई।
[aph] प्रतुल श्रीवास्तव तुम अपनी लिमिट में रहो, बॉस बनने की कोशिश मत करो [/aph] शहर में किसी जगह पिछले तीन सालों से नाला बनाने की स्वीकृति हो चुकी है लेकिन वहां अतिक्रमण होने की वजह से नाला नहीं बन पाया है। इस पर अतिक्रमण अब तक क्यों नहीं हटने की जानकारी निगम के प्रतुल श्रीवास्तव से कलेक्टर ने चाही तो श्रीवास्तव द्वारा जानकारी नहीं होने का उत्तर दे दिया। इस पर इंजीनियर से पूछा गया, इंजीनियर ने ईई को जानकारी दे देने की बात कही। इस पर ईई डीके शर्मा को कलेक्टर ने कहा कि क्या तुम्हें बताने के लिए अलग से कार्ड छपवा कर देना पड़ेगा। एक ही विभाग में काम करने और एक दूसरे के साथ कार्डिनेशन नहीं होने पर जमकर बरसी। इसके अलावा लगातार प्रतुल श्रीवास्तव के खिलाफ शिकायत मिलने पर उन्होंने कहा कि अपनी लिमिट में रहो, जिस पद पर हो उसी पद का काम करो, बॉस बनने की कोशिश मत करो।